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किताब और किशमिश की पेटी में आता है करोड़ों का ड्रग्स, यूरोप तक होती है सप्लाई

बड़ी मात्रा में हेरोइन ना केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए बल्कि विदेशों के लिए भी आती है. ये गैंग विभिन्न माध्यमों से ड्रग्स को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों को सप्लाई करते हैं.

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Published : Aug 23, 2019, 7:52 PM IST

पिछले दिनों पकड़े गए ड्रग्स तस्कर

नई दिल्ली: ड्रग्स की तस्करी करने वाले इंटरनेशनल खिलाड़ी अब दिल्ली को ट्रांजिट पॉइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. वो न केवल दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स बेच रहे हैं बल्कि यहां से यूरोपीय देशों में भी ड्रग्स भेजा जा रहा है. ये खुलासा पिछले दिनों पकड़े गए कुछ गैंग के लोगों ने किया है. इस तरह के गैंग से जुड़े गुर्गों (डिलीवरी मैन) को तो पुलिस पकड़ लेती है लेकिन विदेश में बैठे इनके आका हाथ नहीं लग पाते हैं.

ड्रग्स के दानव: दिल्ली से यूरोप तक होती है नशे की सप्लाई

राजधानी में इन जगहों से आता है ड्रग्स

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में मुख्य रूप से तीन जगहों से हेरोइन आती है. अफगानिस्तान, म्यांमार और बरेली. इन तीनों जगहों से बड़ी मात्रा में हेरोइन ना केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए बल्कि विदेशों के लिए भी आती है.

ये गैंग विभिन्न माध्यमों से ड्रग्स को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों को सप्लाई करते हैं. भारत में जहां हेरोइन की कीमत 70 से 80 लाख रुपये है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचकर यही हेरोइन चार करोड़ रुपये की हो जाती है.

जामिया इलाके में बना रहे थे फैक्ट्री
बीते जुलाई महीने में चार अफगानी नागरिकों समेत सात लोगों को स्पेशल सेल ने लगभग 1300 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. ये गैंग जामिया इलाके में ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री लगा रहा था.


दिल्ली नहीं हरियाणा में भी बने हैं गोदाम
इस गैंग ने पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया है कि यहां तैयार होने वाली हेरोइन का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में भेजा जाता है. आरोपी अफगानिस्तान से जूट की बोरी में हेरोइन के घोल को सोखकर तो पाकिस्तान के रास्ते किशमिश की पेटी में डालकर हेरोइन को लाते थे. उन्होंने न केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा में भी अपना गोदाम बना रखा था.


ऐसे भेजी जाती है यूरोपीय देशों में हेरोइन

पुलिस सूत्रों ने बताया कि भारत से यूरोपीय देशों में हेरोइन भेजने के लिए ये तस्कर कुरियर कंपनी का सहारा लेते हैं. कुछ मामलों में कुरियर कंपनी को उनके गोरखधंधे का पता होता है जबकि अधिकांश मामलों में उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है.

कभी किताब के अंदर कैविटी बनाकर तो कभी किसी तोहफे में छिपाकर हेरोइन यूरोपीय देशों में भेज दी जाती है. स्पेशल सेल ने कई बार ऐसे गैंग पकड़े हैं. लेकिन वो इस बात को मानते हैं कि इसके बावजूद बड़ी मात्रा में ड्रग्स दिल्ली आती है एवं यहां से विदेश भेजी जाती है.

सुरक्षा एजेंसियां भी हैं हैरान
हेरोइन की तस्करी के नए-नए तरीकों से पुलिस भी हैरान रह जाती है. दरअसल इस तरह के तस्करों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी काम करती है. लेकिन ये माना जाता है कि उनके द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स वास्तव में बहुत कम है. काफी ज्यादा मात्रा में दिल्ली सहित यूरोप के देशों में तस्करों द्वारा ड्रग्स खपाई जा रही है. पुलिस ये कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा ऐसे गैंग को पकड़ सके ताकि ड्रग्स तस्करी पर काबू पाया जा सके.

नई दिल्ली: ड्रग्स की तस्करी करने वाले इंटरनेशनल खिलाड़ी अब दिल्ली को ट्रांजिट पॉइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. वो न केवल दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स बेच रहे हैं बल्कि यहां से यूरोपीय देशों में भी ड्रग्स भेजा जा रहा है. ये खुलासा पिछले दिनों पकड़े गए कुछ गैंग के लोगों ने किया है. इस तरह के गैंग से जुड़े गुर्गों (डिलीवरी मैन) को तो पुलिस पकड़ लेती है लेकिन विदेश में बैठे इनके आका हाथ नहीं लग पाते हैं.

ड्रग्स के दानव: दिल्ली से यूरोप तक होती है नशे की सप्लाई

राजधानी में इन जगहों से आता है ड्रग्स

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में मुख्य रूप से तीन जगहों से हेरोइन आती है. अफगानिस्तान, म्यांमार और बरेली. इन तीनों जगहों से बड़ी मात्रा में हेरोइन ना केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए बल्कि विदेशों के लिए भी आती है.

ये गैंग विभिन्न माध्यमों से ड्रग्स को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों को सप्लाई करते हैं. भारत में जहां हेरोइन की कीमत 70 से 80 लाख रुपये है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचकर यही हेरोइन चार करोड़ रुपये की हो जाती है.

जामिया इलाके में बना रहे थे फैक्ट्री
बीते जुलाई महीने में चार अफगानी नागरिकों समेत सात लोगों को स्पेशल सेल ने लगभग 1300 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. ये गैंग जामिया इलाके में ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री लगा रहा था.


दिल्ली नहीं हरियाणा में भी बने हैं गोदाम
इस गैंग ने पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया है कि यहां तैयार होने वाली हेरोइन का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में भेजा जाता है. आरोपी अफगानिस्तान से जूट की बोरी में हेरोइन के घोल को सोखकर तो पाकिस्तान के रास्ते किशमिश की पेटी में डालकर हेरोइन को लाते थे. उन्होंने न केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा में भी अपना गोदाम बना रखा था.


ऐसे भेजी जाती है यूरोपीय देशों में हेरोइन

पुलिस सूत्रों ने बताया कि भारत से यूरोपीय देशों में हेरोइन भेजने के लिए ये तस्कर कुरियर कंपनी का सहारा लेते हैं. कुछ मामलों में कुरियर कंपनी को उनके गोरखधंधे का पता होता है जबकि अधिकांश मामलों में उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है.

कभी किताब के अंदर कैविटी बनाकर तो कभी किसी तोहफे में छिपाकर हेरोइन यूरोपीय देशों में भेज दी जाती है. स्पेशल सेल ने कई बार ऐसे गैंग पकड़े हैं. लेकिन वो इस बात को मानते हैं कि इसके बावजूद बड़ी मात्रा में ड्रग्स दिल्ली आती है एवं यहां से विदेश भेजी जाती है.

सुरक्षा एजेंसियां भी हैं हैरान
हेरोइन की तस्करी के नए-नए तरीकों से पुलिस भी हैरान रह जाती है. दरअसल इस तरह के तस्करों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी काम करती है. लेकिन ये माना जाता है कि उनके द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स वास्तव में बहुत कम है. काफी ज्यादा मात्रा में दिल्ली सहित यूरोप के देशों में तस्करों द्वारा ड्रग्स खपाई जा रही है. पुलिस ये कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा ऐसे गैंग को पकड़ सके ताकि ड्रग्स तस्करी पर काबू पाया जा सके.

Intro:फोटो कुछ दिन पहले स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए अफगानी ड्रग्स तस्करों का है.
नई दिल्ली
ड्रग्स की तस्करी करने वाले इंटरनेशनल खिलाड़ी अब दिल्ली को ट्रांजिट पॉइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. वह न केवल दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स बेच रहे हैं बल्कि यहां से यूरोपीय देशों में भी ड्रग्स भेज रहे हैं. यह खुलासा स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए कई गैंग उनके सामने कर चुके हैं. इस तरह के गैंग से जुड़े गुर्गों (डिलीवरी मैन) को तो पुलिस पकड़ लेती है लेकिन विदेश में बैठे इनके आका हाथ नहीं लगते हैं.
राजधानी में ड्रग्स तस्कर


Body:स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में मुख्य रूप से तीन जगहों से हेरोइन आती है. यह जगह हैं अफगानिस्तान, म्यांमार और बरेली. इन तीनों जगह से बड़ी मात्रा में हेरोइन न केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए बल्कि विदेशों के लिए भी आती है. यह गैंग विभिन्न माध्यमों से ड्रग्स को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों को सप्लाई करते हैं. भारत मे जहां हेरोइन की कीमत 70 से 80 लाख रुपये है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचकर यही हेरोइन चार करोड़ रुपये की हो जाती है.


जामिया इलाके में बना रहे थे फैक्टरी
बीते जुलाई माह में चार अफगानी नागरिकों सहित सात लोगों को स्पेशल सेल ने लगभग 1300 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. यह गैंग जामिया इलाके में ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री लगा रहा था. उन्होंने पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया है कि यहां तैयार होने वाली हेरोइन का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में वह भेजते हैं. आरोपी अफगानिस्तान से जूट की बोरी में हेरोइन के घोल को सोखकर तो पाकिस्तान के रास्ते किशमिश की पेटी में डालकर हेरोइन को लाते थे. उन्होंने न केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा में भी अपना गोदाम बना रखा था.



ऐसे भेजी जाती है यूरोपीय देशों में हेरोइन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि भारत से यूरोपीय देशों में हेरोइन भेजने के लिए यह तस्कर कुरियर कंपनी का सहारा लेते हैं. कुछ मामलों में कुरियर कंपनी को उनके गोरखधंधे का पता होता है जबकि अधिकांश मामलों में उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. कभी किताब के अंदर कैविटी बनाकर तो कभी किसी तोहफे में छिपाकर हेरोइन यूरोपीय देशों में भेज दी जाती है. स्पेशल सेल ने कई बार ऐसे गैंग पकड़े हैं.लेकिन वह इस बात को मानते हैं कि इसके बावजूद बड़ी मात्रा में ड्रग्स दिल्ली आती है एवं यहां से विदेश भेजी जाती है.


Conclusion:सुरक्षा एजेंसियां भी हैं हैरान
ड्रग्स तस्करों द्वारा हेरोइन की तस्करी के नए-नए तरीकों से पुलिस भी हैरान रह जाती है. दरअसल इस तरह के तस्करों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी काम करती है. लेकिन यह माना जाता है कि उनके द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स वास्तव में बहुत कम है. काफी ज्यादा मात्रा में दिल्ली सहित यूरोप के देशों में तस्करों द्वारा ड्रग्स खपाई जा रही है. पुलिस यह कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा ऐसे गैंग को पकड़ सके ताकि ड्रग्स तस्करी पर काबू पाया जा सके.
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