नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में औषधि विभाग ने छापेमारी कर पशुओं की नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. फैक्ट्री में नियमों के विपरीत दवा बनाई जा रही थी. इसको औषधि विभाग की टीम ने मौके पर 50 हजार रुपये कीमत की नकली दवाईयां को जब्त कर उत्पादन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं.
औषधि विभाग की टीम ने जब फैक्ट्री मालिक से ड्रग लाइसेंस मांगा तो फैक्ट्री मालिक ने फूड लाइसेंस दिखाया. अवैध रूप से पशुओं की नकली दवा तैयार करने वाली फैक्ट्री के मालिक के पास ड्रग लाइसेंस नहीं मिला. औषधि विभाग द्वारा मौके से कई सैंपल इकट्ठा किए गए हैं. जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक, शासन के निर्देश पर छापेमारी की कार्रवाई की गई है और अग्रिम आदेश तक फैक्ट्री को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं. जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के पास फूड लाइसेंस था. जबकि फैक्ट्री संचालक के पास ड्रग लाइसेंस नहीं था. पशुओं के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां फैक्ट्री में बनाई जा रही थी.
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इससे पहले, ग्रेटर नोएडा के इकोटेक थर्ड थाना क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक कंपनी के अंदर नकली दवा बनाने का काम किया जा रहा था. कंपनी में बनाई जाने वाली दवा कोरोना में काम आने वाली दवा बताया जा रहा था. नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री पर नायब तहसीलदार दादरी, थाना पुलिस और ड्रग विभागद्वारा संयुक्त रूप से छापा मारा गया था और कंपनी का ताला तोड़कर नकली दवाईयां बरामद की गई थीं.
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