नई दिल्लीः डीएमआरसी ने मेट्रो चौथे फेज की पहली सुरंग की खुदाई का काम गुरुवार से शुरू कर दिया है. जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग के बीच बनाए जा रहे कॉरिडोर को लेकर विकासपुरी के कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच पहली टनल बोरिंग मशीन द्वारा 1.4 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई का काम गुरुवार से शुरू हो गया. इस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
जानकारी के अनुसार मेट्रो के चौथे फेस में जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच मेट्रो की मैजेंटा लाइन का विस्तार किया जा रहा है. इसके लिए विकासपुरी के कृष्णा पार्क एक्सटेंशन इलाके में टनल बोरिंग मशीन के जरिए सुरंग की खुदाई का काम शुरू किया गया है.
इस जगह पर ट्रेनों की अप और डाउन आवाजाही के लिए दो समांतर सर्कुलर सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जो जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर सेक्शन के बीच 2.2 किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन का हिस्सा है. इसके लिए 73 मीटर लंबी विशालकाय मशीन को उतारने तथा इसकी असेंबलिंग की प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू की गई थी. विकासपुरी से सुरंग खुदाई का काम मैजेंटा लाइन की सुरंग के साथ ही शुरू किया गया है.
14 से 16 मीटर गहरी होगी सुरंग
डीएमआरसी के अनुसार सुरंग का निर्माण 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया जाएगा. इनमें 2040 कंक्रीट रिंग स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक रिंग का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर होगा. इस मार्ग पर सुरंग निर्माण का संपूर्ण कार्य लगभग एक साल में पूरा कर लिया जाएगा. सुरंग आउटर रिंग रोड के साथ-साथ बहुमंजिला इमारतों के बीच से होकर गुजरेगी. सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड प्रमाणित टेक्नोलॉजी के साथ पहले से डाले गए टनल रिंग्स की कंक्रीट लाइनिंग द्वारा किया जाएगा. टनल रिंग्स की ढलाई का काम मुंडका स्थित कास्टिंग यार्ड में पहले से ही किया जा रहा है. यह टीबीएम 1 दिन में 10 मीटर तक खुदाई करने में सक्षम होगी.
डीएमआरसी बरत रहा सभी सावधानियां
डीएमआरसी के अनुसार निर्मित भवनों के नीचे सुरंग निर्माण करते समय समस्त आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं. इमारतों के आसपास विशेष उपकरण लगाकर भूमि की गतिविधियों पर नजर रखा जा रहा है. सुरंग निर्माण पूरे होने पर कृष्णा पार्क एक्सटेंशन भूमिगत स्टेशन पर बनाए जा रहे रिट्रीवल शॉफ्ट से यह मशीन बाहर निकाली जाएगी. चौथे फेज के अब तक अनुमोदित कार्य में लगभग 27 किलोमीटर की भूमिगत लाइनें बिछाई जाएंगी. जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर कुल 7.74 किलोमीटर सेक्शन भूमिगत होगा.
बेहतर काम करती है टीबीएम तकनीक
अनुज दयाल के अनुसार ईवीएम का इस्तेमाल एक सर्कुलर क्रॉस सेक्शन पर विभिन्न प्रकार की मिट्टी और चट्टानी परतों में सुरंग की खुदाई के लिए किया जाता है. इन्हें कठोर चट्टानों से रेतीली या किसी भी भूमि में खुदाई करने के हिसाब से डिजाइन किया जाता है. टीबीएम ने पूरे विश्व में सुरंग खुदाई के काम में क्रांति ला दी है. अब सतह पर बने भवनों एवं अन्य स्थलों को बिना नुकसान पहुंचाए खुदाई का काम किया जा सकता है.
सघन शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग बनाने के लिए टीबीएम विशेष रूप से कारगर है. डीएमआरसी फेज 1 से ही सुरंग बनाने के लिए टीबीएम का इस्तेमाल कर रही है. अब तक 50 किलोमीटर भूमिगत सेक्शन का निर्माण टीबीएम की मदद से किया गया है.