नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत के तहत डीएमआरसी और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) मिलकर रेल इंजीनियरिंग और सिस्टम की टेक्नोलॉजी पर काम करेंगे. इसके लिए डीएमआरसी और सीईएल के बीच एमओयू साइन किया गया है. सीईएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर बी.एन सरकार और डीएमआरसी के ऑपरेशन निदेशक एके गर्ग के बीच इस एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. इस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
पुरानी तकनीकों को बदलने के लिए एमएसडीएसी शामिल
डीएमआरसी के अनुसार इस एमओयू के तहत दोनों संगठन मेक इन इंडिया मुहिम के तहत काम करेंगे ताकि मेट्रो सेवा के दौरान भारतीय सिगनलिंग एवं इंजीनियरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सके. इसमें ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम, थेफ्ट इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम, कंक्रीट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम, रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग ऑफ प्वाइंट मशीन, मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर और पुरानी तकनीकों को बदलने के लिए एटीपी के साथ एमएसडीएसी शामिल हैं.
तकनीक की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस मौके पर डॉ. मंगू सिंह ने इस कदम को तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, इससे आने वाले समय में न केवल अप्रचलित तकनीकों के प्रबंधन कौशल को हासिल करेगा बल्कि डीएमआरसी की विश्वसनीयता तथा समयबद्धता में भी इजाफा करेगा. इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीएमआरसी और सीईएल की समर्पित टीमें काम करेंगी और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करेगी. सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड साहिबाबाद स्थित एक सरकारी कंपनी है जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है.