नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों के पुल बंगश हत्याकांड से संबंधित कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के मुकदमे को सोमवार को राउज एवेन्यू की जिला न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना की कोर्ट ने सेशन जज विकास ढुल को सौंप दिया. अब मामले की अगली सुनवाई सेशन कोर्ट में 20 सितंबर को होगी. पिछली सुनवाई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधी गुप्ता आनंद ने मामले को जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया था.
सुनवाई के दौरान एसीएमएम विधि गुप्ता ने कहा था कि मामले में जिन दस्तावेजों पर भरोसा किया गया है, उनकी प्रतियां पहले ही टाइटलर को अविश्वसनीय दस्तावेजों की एक सूची के अलावा दी जा चुकी हैं. लेकिन आरोपी आवश्यक समझे जाने वाले किसी भी अन्य दस्तावेज की मांग के लिए सत्र अदालत के समक्ष आवश्यक आवेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र है. मामले को जिला न्यायाधीश के पास भेजा जा रहा है ताकि मामला सत्र न्यायाधीश को सौंपा जा सके.
एसीएमएम ने आगे कहा कि रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि चार्जशीट अन्य बातों के अलावा आईपीसी की धारा 302 (हत्या के लिए सजा के रूप में शीर्षक) और 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत के रूप में शीर्षक) के तहत दायर की गई है. इसलिए ऐसे अपराध जो विशेष रूप से सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय हैं. इसलिए फाइल प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश, राउज एवेन्यू जिला न्यायालय को भेजी गई है.
अग्रिम जमानत पर हैं टाइटलरः टाइटलर को सेशन कोर्ट ने चार अगस्त को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने उन पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे. मजिस्ट्रेट अदालत ने 26 जुलाई को मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद पांच अगस्त को टाइटलर को तलब किया था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहली बार आरोपी के रूप में नामित किया गया था.
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