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एक ओर आजीविका मिलने का खुला रास्ता तो दूसरी ओर नौकरी पर लटकी तलवार!

एक तरफ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट और प्राइमरी शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया तेज कर दी है, जिससे पहले से ही बतौर अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे टीजीटी शिक्षकों को नौकरी जाने का डर सता रहा है.

directorate of education issued advertisement regarding appointment of guest teachers in delhi government schools
दिल्ली सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षक नियुक्ति
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Published : Nov 29, 2020, 8:25 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है. इसके तहत इच्छुक उम्मीदवार टीजीटी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट और प्राइमरी शिक्षकों के प्रोमोशन की प्रक्रिया तेज कर दी है. जिससे पहले से ही बतौर अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे टीजीटी शिक्षकों को कोविड-19 के दौरान अब नौकरी जाने का डर सता रहा है.

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी

बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा 2017 के बाद एक बार फिर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इच्छुक उम्मीदवार शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर 1 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे. वहीं निदेशालय ने अभ्यर्थियों को गूगल क्रोम के जरिए आवेदन करने की सलाह दी है. बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में फिलहाल करीब 20 हज़ार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं.

अतिथि शिक्षकों के पद होते हैं अस्थायी

वहीं अतिथि शिक्षकों कों का यह पद अस्थायी होता है जिसके तहत किसी स्थायी शिक्षक के आने पर अतिथि शिक्षकों को स्कूल छोड़ना पड़ता है. वहीं वेतनमान की बात करें तो टीजीटी पोस्ट के अतिथि शिक्षक को प्रतिदिन 1403 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है, तो वहीं पीजीटी को 1443 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है.

कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल

जहां एक ओर आजीविका ढूंढ रहे कई लोगों को अतिथि शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से राहत मिली है, तो वहीं दूसरी ओर पहले से ही कार्यरत टीजीटी अतिथि शिक्षकों को आजीविका जाने का डर सता रहा है. बता दें कि शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट/प्राइमरी टीचर की प्रमोशन पर काम करना शुरू कर दिया है. वहीं प्रमोशन की प्रक्रिया से अतिथि शिक्षकों में एक बार फिर चिंता की लहर उठ गई है और सभी को कोरोना महामारी के दौरान अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है. बता दें कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक दिल्ली सरकार से परमानेंट या 60 साल की पॉलिसी की लगातार मांग कर रहे हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है. इसके तहत इच्छुक उम्मीदवार टीजीटी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट और प्राइमरी शिक्षकों के प्रोमोशन की प्रक्रिया तेज कर दी है. जिससे पहले से ही बतौर अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे टीजीटी शिक्षकों को कोविड-19 के दौरान अब नौकरी जाने का डर सता रहा है.

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी

बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा 2017 के बाद एक बार फिर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इच्छुक उम्मीदवार शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर 1 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे. वहीं निदेशालय ने अभ्यर्थियों को गूगल क्रोम के जरिए आवेदन करने की सलाह दी है. बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में फिलहाल करीब 20 हज़ार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं.

अतिथि शिक्षकों के पद होते हैं अस्थायी

वहीं अतिथि शिक्षकों कों का यह पद अस्थायी होता है जिसके तहत किसी स्थायी शिक्षक के आने पर अतिथि शिक्षकों को स्कूल छोड़ना पड़ता है. वहीं वेतनमान की बात करें तो टीजीटी पोस्ट के अतिथि शिक्षक को प्रतिदिन 1403 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है, तो वहीं पीजीटी को 1443 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है.

कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल

जहां एक ओर आजीविका ढूंढ रहे कई लोगों को अतिथि शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से राहत मिली है, तो वहीं दूसरी ओर पहले से ही कार्यरत टीजीटी अतिथि शिक्षकों को आजीविका जाने का डर सता रहा है. बता दें कि शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट/प्राइमरी टीचर की प्रमोशन पर काम करना शुरू कर दिया है. वहीं प्रमोशन की प्रक्रिया से अतिथि शिक्षकों में एक बार फिर चिंता की लहर उठ गई है और सभी को कोरोना महामारी के दौरान अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है. बता दें कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक दिल्ली सरकार से परमानेंट या 60 साल की पॉलिसी की लगातार मांग कर रहे हैं.

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