नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिलीप पांडेय ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले साल 27 अक्टूबर तक पराली जलने की 9600 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 12027 हो गया है.
दिलीप पांडेय ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कम से कम 400 मिलियन की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं राजधानी दिल्ली के प्रदूषण के लिए पराली को कारण बताते हुए दिलीप पांडेय ने कहा कि ये आंकड़े भाजपा के दावे से बिल्कुल अलग हैं.
हरियाणा में जलाई गई पराली
उन्होंने कहा कि 26 और 27 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई थी. 26 अक्टूबर को इसके 2805 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 27 अक्टूबर को यह संख्या 2231 दर्ज की गई. दिलीप पांडेय ने यह भी बताया कि हरियाणा में पिछले साल के 3705 के मुकाबले इस साल 3735 खेतों में पराली जलाई गई है.
केंद्रीय एजेंसी SAFAR का दिया हवाला
एक सेटेलाइट फोटो के जरिए दिलीप पांडेय ने दिखाया कि 26 अक्टूबर को भारत में जलती हुई पराली की घटनाएं अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गई थीं. केंद्रीय एजेंसी SAFAR का हवाला देते हुए दिलीप पांडेय ने कहा कि SAFAR ने सोमवार को भविष्यवाणी की थी कि दिल्ली के पीएम 2.5 की सघनता में धुएं का हिस्सा मंगलवार को 25 प्रतिशत तक उछल सकता है, जो सोमवार को 15 प्रतिशत था.
केंद्र सरकार के कारण बढ़ा प्रदूषण
इन आंकड़ों का हवाला देते हुए दिलीप पांडेय ने केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्य, पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि उनकी नाकामियों से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है और दिल्ली के लोग खराब हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सभी को मिलकर इस गंभीर समस्या का समाधान ढूंढना होगा.