नई दिल्ली: तिलक नगर स्थित साई सोसाइटी में रविवार रात भजन संध्या का आयोजन किया गया. गणेश चतुर्थी महोत्सव के तहत गणपति बप्पा के पूजन, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बेहद ही भक्ति भाव के साथ लोगों ने यहां भगवान गणेश की पूजन की. आयोजनकर्ता ने बताया की "साल 2017 से हर वर्ष सोसाइटी में गणेश उत्सव का आयोजन किया जाता है. 19 सितंबर को गणपति बप्पा की प्रतिमा को सोसाइटी में विराजित किया गया था. विसर्जन से एक दिन पूर्व भव्य चौकी का आयोजन किया गया है. 25 को भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन विधि-विधान पूर्वक पूजा किया जाएगा" बता दें कि पूजा का अंतिम दिन गुरुवार 28 सितंबर को है. लेकिन कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी गणपति विसर्जन करते हैं.
अपने नित्त के काम धंधों से फुर्सत लेकर लोग छह दिन तक गणपति बप्पा के लिए समर्पित रहे. सोसाइटी के सभी लोगों ने पुजा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. आयोजनकर्ताओं के टीम के सदस्य सूर्यांश ने बताया कि "सोसाइटी में हर वर्ष बप्पा की मिट्टी की विशाल प्रतिमा को विराजित किया जाता है. विसर्जन के लिए एक कृत्रिम टैंक स्थापित की गई है. जिसमें विसर्जन किया जाएगा. इसके बाद बाकी बची मिट्टी को सोसाइटी के तमाम पार्कों में डाल दिया जाएगा"
गणेश चतुर्थी हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है. हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने के लिए लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. साई सोसाइटी की दिव्या को भी गणेश उस्तव का उत्सुकता से इंतज़ार करती हैं. उनका कहना है कि वो बप्पा को अपना भाई मानती हैं. और उनकी आराधना पूरे भक्ती भाव से करती हैं.
बप्पा की भक्त शिल्प ने बताया कि "उन्हें भजन संध्या में खूब आनंद आया. भजन कीर्तन किया. डांस किया और आरती के बाद भंडारे के भोग को भी खाया. गणेश चतुर्थी के उत्सव को बड़े पैमाने पर मनाकर हम सभी समुदायों को एक साथ जोडक़र रखने का प्रयास करते हैं"
28 सितंबर 2023 को पूजा का अंतिम
अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा का विसर्जन होता है. पूजा का अंतिम दिन गुरुवार 28 सितंबर 2023 को है. इस दिन गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा. कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी गणपति विसर्जन करते हैं. हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा विशेष महत्व रखती है. बप्पा को विघ्नहर्ता, खुशकर्ता, विनायक आदि कई नामों से भी जाना जाता है. किसी भी मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है.
गणपति विसर्जन कब और कैसे करें ?
गणपति बप्पा की विदाई करने के लिए अनंत चतुर्दशी के दिन प्रात:काल तन और मन से पवित्र होकर भगवान श्री गणेश जी की पूजा करें और उसके उन्हें उनकी प्रिय चीजें जैसे मोदक, नारियल, फल, फूल, आदि अर्पित करने के बाद मंत्रों का जप एवं आरती करें. इसके बाद गाते-बजाते और उनका जयकारा लगाते हुए किसी किसी पवित्र जल स्थान में ले जाकर आदर के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन करें. विसर्जन के बाद पूजा में हुई भूल-चूक की माफी मांगें और उसके बाद अगले साल फिर अपने घर-आंगन में आने का आमंत्रण दें.
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