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Shardiya Navratri 2023: भक्त कर रहे मां काली की पूजा, रोहिणी स्थित मंदिर में दर्शन मात्र से होती है मनोकामना पूरी

नवरात्रि को लेकर रोहिणी स्थित काली माता के मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ा है. भक्त बड़ी संख्या में माता का दर्शन करने आ रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी माता का दर्शन पूरे मन से करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 16, 2023, 3:33 PM IST

मंदिर की भव्यता के बारे में बताते पुजारी

नई दिल्ली: पूरे देश में नवरात्रि को लेकर भव्य पूजा का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली के अलग-अलग मंदिरों में भी बड़े पैमाने पर पूजा का आयोजन किया जा रहा है. रोहिणी स्थित काली माता मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त माता की पूजा करने आ रहे हैं. मान्यताओं के अनुसार यहां माता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां माता के दर्शन करने मात्र से लोगों के दुख दूर हो जाते हैं. दशकों पुराने इस मंदिर में काली कलकत्ते वाली माता विराजमान हैं, और उनके आशीर्वाद से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं.

देशभर में आस्था का माहौल: नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही देशभर में आस्था और भक्ति का माहौल को मिल रहा है. मंदिर और घरो में भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा अर्चना कर माता की उपासना कर रहे हैं. रोहिणी के सेक्टर 3 में स्थित काली माता मंदिर में सिर्फ दिल्ली ही नहीं दिल्ली के बाहर से भी लोग अपनी आस्था के मुताबिक दर्शन करने आते हैं. वैसे तो इस मंदिर में हमेशा भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहता है, और विशेषरूप से शनिवार को यहां पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगती है. नवरात्र के खास अवसर पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है.

ये भी पढ़ें: Navratri 2023: शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां कालकाजी की आरती दर्शन, सफेद फूलों से सजाया गया दरबार

प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक: यह काली मां का मंदिर करीब 6 दशक पुराना है और इसकी गिनती प्रमुख प्राचीन मंदिरों में होती है. इस मंदिर में सभी श्रद्धालु अपनी अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में माता के चरणों में जो भी भक्त पूर्ण आस्था के साथ अपनी दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में काली माता का आशीर्वाद स्वरूप स्वयं काली कलकत्ते वाली विराजमान हैं. नवरात्र में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर प्रशासन द्वारा कई इंतजाम किए गए ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस ना हो. भक्त यहां अपनी मान्यताओं के पूरा होने पर अपनी योग्यता के अनुसार भंडारे का भी आयोजन करते हैं.

ये भी पढ़ें: Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि पर करें माता बाला सुंदरी के दर्शन, यहां 550 सालों से हो रही पूजा

मंदिर की भव्यता के बारे में बताते पुजारी

नई दिल्ली: पूरे देश में नवरात्रि को लेकर भव्य पूजा का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली के अलग-अलग मंदिरों में भी बड़े पैमाने पर पूजा का आयोजन किया जा रहा है. रोहिणी स्थित काली माता मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त माता की पूजा करने आ रहे हैं. मान्यताओं के अनुसार यहां माता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां माता के दर्शन करने मात्र से लोगों के दुख दूर हो जाते हैं. दशकों पुराने इस मंदिर में काली कलकत्ते वाली माता विराजमान हैं, और उनके आशीर्वाद से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं.

देशभर में आस्था का माहौल: नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही देशभर में आस्था और भक्ति का माहौल को मिल रहा है. मंदिर और घरो में भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा अर्चना कर माता की उपासना कर रहे हैं. रोहिणी के सेक्टर 3 में स्थित काली माता मंदिर में सिर्फ दिल्ली ही नहीं दिल्ली के बाहर से भी लोग अपनी आस्था के मुताबिक दर्शन करने आते हैं. वैसे तो इस मंदिर में हमेशा भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहता है, और विशेषरूप से शनिवार को यहां पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगती है. नवरात्र के खास अवसर पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है.

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प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक: यह काली मां का मंदिर करीब 6 दशक पुराना है और इसकी गिनती प्रमुख प्राचीन मंदिरों में होती है. इस मंदिर में सभी श्रद्धालु अपनी अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में माता के चरणों में जो भी भक्त पूर्ण आस्था के साथ अपनी दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में काली माता का आशीर्वाद स्वरूप स्वयं काली कलकत्ते वाली विराजमान हैं. नवरात्र में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर प्रशासन द्वारा कई इंतजाम किए गए ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस ना हो. भक्त यहां अपनी मान्यताओं के पूरा होने पर अपनी योग्यता के अनुसार भंडारे का भी आयोजन करते हैं.

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