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अगले 3 साल में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से दिल्ली सरकार करेगी 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन - उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की बैठक

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में गुरुवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में आने वाले सालों के लिए दिल्ली की ऊर्जा की जरूरतों और उसे पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों पर गहनता से चर्चा की गई.

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Published : Feb 9, 2023, 8:00 PM IST

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में सिसोदिया ने आगामी सालों के लिए दिल्ली की ऊर्जा की जरूरतों और उसे पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों पर गहनता से चर्चा की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में कुल ऊर्जा की खपत का 33% नवीकरणीय ऊर्जा होती है. वहीं,अगले 3 सालों में सरकार के विभिन्न पहलुओं के माध्यम से दिल्ली में 6000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा. इस प्रकार अगले 3 सालों में हमारा लक्ष्य दिल्ली की ऊर्जा की मांग के बड़े हिस्से को नवीकरणीय ऊर्जा पर शिफ्ट करना है,ताकि थर्मल पॉवर प्लांट से हमारी निर्भरता कम हो सके और हम दिल्ली के लिए पूरी तरह स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर सकें.

2022 में बिजली की रही सबसे ज्यादा मांग

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में अब तक की सबसे ज्यादा बिजली की मांग 2022 में जून के महीने में 7695 मेगावाट रही. वहीं, वर्तमान में डिसकॉम के पास 8471 मेगावाट के कुल बिजली टाईअप हैं. जिसमें से 33% बिजली यानी लगभग 2826 मेगावाट बिजली ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होती है. इसमें मुख्य रूप से सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा शामिल है, जिससे दिल्ली को लगभग 2000 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है.

हाल ही में केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट सोलर पॉलिसी 2022 के विषय को साझा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में लोगों को रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और लोगों को इसके लिए प्रति यूनिट 2 से 3 रुपये का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन(जीबीआई) भी दिया जाएगा, जबकि कमर्शियल सेक्टर के लिए जीबीआई 1 रुपये प्रति यूनिट होगा. इसके लिए प्रति उपभोक्ता को प्रति किलोवाट 2000 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी, जो अधिकत 10000 रुपये होगी. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक के रूफटॉप क्षेत्र के सभी सरकारी भवनों को सोलराइज किया जाएगा. इन पहलुओं के माध्यम से दिल्ली में अगले 3 वर्षों में 500 मेगावाट अतिरिक्त रूफटॉप और सौर संयंत्र स्थापित किया जा सकेगा.

दिल्ली के लोगों को 24 घंटे मिलती है बिजली

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली दी जाती है, जिसकी दर देश में सबसे कम है.केजरीवाल सरकार अपनी गारंटी को पूरा करते हुए दिल्ली की एक बड़ी आबादी को फ्री बिजली उपलब्ध करवाती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को भविष्य में भी निर्बाध तरीके से बिजली मिलती रहे और हम बिजली की बढ़ती मांग को पूरा कर सकें, इसके लिए सरकार दिल्ली को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है.

उपमुख्यमंत्री ने सोलर प्लांट लगाने में तेजी लाने के दिए निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली सरकार के सभी भवनों जैसे सरकारी दफ्तरों और स्कूलों की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के काम में तेजी लाई जाए, ताकि 3 साल के भीतर सरकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बहुत सी कंपनियों से 2018 के बाद से पॉवर परचेज एग्रीमेंट किए थे. हालांकि इनमें से कई प्लांट शुरू होना बाकी है, लेकिन सरकार ने एडवांस में ही अग्रीमेंट कर रखे हैं,ताकि दिल्ली के लोगों की ऊर्जा की बढ़ती मांग को निर्बाध तरीके से पूरा किया जा सकें.

ये भी पढ़ें: CUET-UG 2023: आज से आवेदन प्रक्रिया शुरू, 12 मार्च आखिरी डेट

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में सिसोदिया ने आगामी सालों के लिए दिल्ली की ऊर्जा की जरूरतों और उसे पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों पर गहनता से चर्चा की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में कुल ऊर्जा की खपत का 33% नवीकरणीय ऊर्जा होती है. वहीं,अगले 3 सालों में सरकार के विभिन्न पहलुओं के माध्यम से दिल्ली में 6000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा. इस प्रकार अगले 3 सालों में हमारा लक्ष्य दिल्ली की ऊर्जा की मांग के बड़े हिस्से को नवीकरणीय ऊर्जा पर शिफ्ट करना है,ताकि थर्मल पॉवर प्लांट से हमारी निर्भरता कम हो सके और हम दिल्ली के लिए पूरी तरह स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर सकें.

2022 में बिजली की रही सबसे ज्यादा मांग

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में अब तक की सबसे ज्यादा बिजली की मांग 2022 में जून के महीने में 7695 मेगावाट रही. वहीं, वर्तमान में डिसकॉम के पास 8471 मेगावाट के कुल बिजली टाईअप हैं. जिसमें से 33% बिजली यानी लगभग 2826 मेगावाट बिजली ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होती है. इसमें मुख्य रूप से सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा शामिल है, जिससे दिल्ली को लगभग 2000 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है.

हाल ही में केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट सोलर पॉलिसी 2022 के विषय को साझा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में लोगों को रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और लोगों को इसके लिए प्रति यूनिट 2 से 3 रुपये का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन(जीबीआई) भी दिया जाएगा, जबकि कमर्शियल सेक्टर के लिए जीबीआई 1 रुपये प्रति यूनिट होगा. इसके लिए प्रति उपभोक्ता को प्रति किलोवाट 2000 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी, जो अधिकत 10000 रुपये होगी. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक के रूफटॉप क्षेत्र के सभी सरकारी भवनों को सोलराइज किया जाएगा. इन पहलुओं के माध्यम से दिल्ली में अगले 3 वर्षों में 500 मेगावाट अतिरिक्त रूफटॉप और सौर संयंत्र स्थापित किया जा सकेगा.

दिल्ली के लोगों को 24 घंटे मिलती है बिजली

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली दी जाती है, जिसकी दर देश में सबसे कम है.केजरीवाल सरकार अपनी गारंटी को पूरा करते हुए दिल्ली की एक बड़ी आबादी को फ्री बिजली उपलब्ध करवाती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को भविष्य में भी निर्बाध तरीके से बिजली मिलती रहे और हम बिजली की बढ़ती मांग को पूरा कर सकें, इसके लिए सरकार दिल्ली को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है.

उपमुख्यमंत्री ने सोलर प्लांट लगाने में तेजी लाने के दिए निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली सरकार के सभी भवनों जैसे सरकारी दफ्तरों और स्कूलों की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के काम में तेजी लाई जाए, ताकि 3 साल के भीतर सरकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बहुत सी कंपनियों से 2018 के बाद से पॉवर परचेज एग्रीमेंट किए थे. हालांकि इनमें से कई प्लांट शुरू होना बाकी है, लेकिन सरकार ने एडवांस में ही अग्रीमेंट कर रखे हैं,ताकि दिल्ली के लोगों की ऊर्जा की बढ़ती मांग को निर्बाध तरीके से पूरा किया जा सकें.

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