ETV Bharat / state

Screening Report: दिल्ली के 55 फीसदी स्टूडेंट्स के मसूड़े खराब, अब सरकार चलाएगी मोबाइल डेंटल क्लीनिक - दिल्ली के स्कूलों में चमकाए जाएंगे बच्चों के दांत

दिल्ली वालों के लिए चिंताजनक स्थिति है. उनके बच्चों के दांत खराब हो गए हैं. बच्चों के डेंटल प्रॉब्लम के निदान के लिए MAIDS सरकारी स्कूलों में मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट चलाएगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने मंजूरी दे दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 7, 2023, 5:13 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 5:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के पेरेंट्स सावधान हो जाएं. आपके बच्चे की दांत खराब हो चुकी है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ताजा सर्वे के आंकड़े बयां कर रहे हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी के 45 फीसदी स्टूडेंट्स के दांतों में सड़न और 55 फीसदी के मसूड़ों में समस्या है. यह सर्वे मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) के हैं.

बताया जा रहा है कि MAIDS ने 2014 से लेकर 2023 तक 31 सरकारी स्कूलों के 39,584 बच्चों की स्क्रीनिंग की, जिसमें सभी बच्चों में यह समस्या सामने आई है. 10 हजार से अधिक छात्रों को इलाज भी दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में MAIDS के तत्वावधान में मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट चलाने की मंजूरी दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत प्रयास किया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इसका लाभ हो.

स्क्रीनिंग में सभी छात्रों के दांतों में पाई गई समस्या
स्क्रीनिंग में सभी छात्रों के दांतों में पाई गई समस्या

शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी: शिक्षा विभाग ने कहा कि मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट के संबंध में मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) से 26 जून को एक पत्र प्राप्त हुआ है. इस प्रोजेक्ट को करने के लिए हमने मंजूरी दी है. साथ ही कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं, जैसे स्कूलों का कामकाज बाधित नहीं होना चाहिए. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. शिक्षा निदेशालय द्वारा संबंधित संस्था अथवा किसी भी व्यक्ति को वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी.

जल्द शुरू होगा मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट: मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. स्वाति जैन ने बताया कि हमारा मिशन है कि मोबाइल डेंटल प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रोजेक्ट नीव को हम सभी सरकारी स्कूलों तक लेकर जाए. चूंकि, मौजूदा सीमित संसाधन को देखते हुए यह थोड़ा कठिन जरूर है, क्योंकि हमारे पास केवल 6 बस हैं, जो इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं. दिल्ली में एक हजार से ज्यादा स्कूल हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि धीरे-धीरे सभी स्कूलों तक पहुंचा जाए.

उन्होंने बताया कि जब से शिक्षा विभाग ने इस प्रोजेक्ट को करने के लिए मंजूरी दी है. तब से उनके पास कई स्कूल प्रमुख के कॉल आए हैं कि वह इस प्रोजेक्ट को पहले उनके स्कूल से शुरू करें. प्लान कर रहे हैं साथ ही एक लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जहां यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. हम डेंटल प्रॉब्लम को लेकर साल 2014 से यह प्रोजेक्ट चला रहे हैं. अब तक हमने करीब 40 हजार बच्चों और 31 सरकारी स्कूल कवर किया है. हमारा मानना है कि मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट में दिल्ली भर के सरकारी स्कूलों में स्कूली बच्चों की मौखिक स्वास्थ्य स्थिति में उल्लेखनीय सुधार करने की क्षमता है.

इसे भी पढ़ें: Delhi Education: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने को विवश हुए प्राइवेट स्कूलों के लिए चयनित छात्र, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली: दिल्ली के पेरेंट्स सावधान हो जाएं. आपके बच्चे की दांत खराब हो चुकी है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ताजा सर्वे के आंकड़े बयां कर रहे हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी के 45 फीसदी स्टूडेंट्स के दांतों में सड़न और 55 फीसदी के मसूड़ों में समस्या है. यह सर्वे मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) के हैं.

बताया जा रहा है कि MAIDS ने 2014 से लेकर 2023 तक 31 सरकारी स्कूलों के 39,584 बच्चों की स्क्रीनिंग की, जिसमें सभी बच्चों में यह समस्या सामने आई है. 10 हजार से अधिक छात्रों को इलाज भी दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में MAIDS के तत्वावधान में मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट चलाने की मंजूरी दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत प्रयास किया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इसका लाभ हो.

स्क्रीनिंग में सभी छात्रों के दांतों में पाई गई समस्या
स्क्रीनिंग में सभी छात्रों के दांतों में पाई गई समस्या

शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी: शिक्षा विभाग ने कहा कि मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट के संबंध में मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) से 26 जून को एक पत्र प्राप्त हुआ है. इस प्रोजेक्ट को करने के लिए हमने मंजूरी दी है. साथ ही कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं, जैसे स्कूलों का कामकाज बाधित नहीं होना चाहिए. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. शिक्षा निदेशालय द्वारा संबंधित संस्था अथवा किसी भी व्यक्ति को वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी.

जल्द शुरू होगा मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट: मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. स्वाति जैन ने बताया कि हमारा मिशन है कि मोबाइल डेंटल प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रोजेक्ट नीव को हम सभी सरकारी स्कूलों तक लेकर जाए. चूंकि, मौजूदा सीमित संसाधन को देखते हुए यह थोड़ा कठिन जरूर है, क्योंकि हमारे पास केवल 6 बस हैं, जो इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं. दिल्ली में एक हजार से ज्यादा स्कूल हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि धीरे-धीरे सभी स्कूलों तक पहुंचा जाए.

उन्होंने बताया कि जब से शिक्षा विभाग ने इस प्रोजेक्ट को करने के लिए मंजूरी दी है. तब से उनके पास कई स्कूल प्रमुख के कॉल आए हैं कि वह इस प्रोजेक्ट को पहले उनके स्कूल से शुरू करें. प्लान कर रहे हैं साथ ही एक लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जहां यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. हम डेंटल प्रॉब्लम को लेकर साल 2014 से यह प्रोजेक्ट चला रहे हैं. अब तक हमने करीब 40 हजार बच्चों और 31 सरकारी स्कूल कवर किया है. हमारा मानना है कि मोबाइल डेंटल क्लीनिक प्रोजेक्ट में दिल्ली भर के सरकारी स्कूलों में स्कूली बच्चों की मौखिक स्वास्थ्य स्थिति में उल्लेखनीय सुधार करने की क्षमता है.

इसे भी पढ़ें: Delhi Education: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने को विवश हुए प्राइवेट स्कूलों के लिए चयनित छात्र, जानिए पूरा मामला

Last Updated : Jul 7, 2023, 5:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.