नई दिल्ली: पिछले महीने संपन्न हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में अपनी सीट हारकर भी बाजीगर बने मनजिंदर सिंह सिरसा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की और से कमिटी में नॉमिनेट हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को उनके को-ऑप्सन के विरोध में उठी आवाजों के बाद अब जागो पार्टी से एक चुने हुए एक सदस्य ने गुरुद्वारा चुनाव निदेशक को लिखित शिकायत दी है. इस शिकायत में सिरसा पर कई संगीन आरोप लगाए गए हैं, जिनके आधार पर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की जा रही है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में वार्ड नंबर 36 से जागो पार्टी के सदस्य सतनाम सिंह ने की शिकायत गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरेंद्र सिंह को सौंपी है. उन्होंने ऐसे कई आधार बताए हैं जिनके बल पर यह सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की जा रही है. इसमें सबसे पहला सिरसा का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सदस्य नहीं होना बताया गया है. शिकायत में कहा गया है कि मनजिंदर सिंह सिरसा न तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य हैं और ना ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इलेक्टरल रोल में इलेक्टर हैं. लिहाजा गुरुद्वारा एक्ट 1971 के सेक्शन 4b के तहत उनकी सदस्यता अवैध है.
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शिकायत में कहा गया है कि मनजिंदर सिंह सिरसा अमृतधारी सिख नहीं है और इसीलिए उन्हें दिल्ली सिख गुरुद्वारा एक्ट के तहत नॉमिनेट नहीं किया जा सकता. शिकायतकर्ता सतनाम सिंह ने लिखा है कि मनजिंदर सिंह सिरसा शराब पीते हैं और अपनी दाढ़ी को ट्रिम करने के साथ-साथ रंगते भी हैं. इस आधार पर भी उन्हें चुना नहीं जा सकता. इसके साथ ही शिक्षा को गुरमुखी पढ़ने और लिखने में असमर्थ बताया गया है. सिरसा के खिलाफ दी गई. इन सभी आधार पर उनकी सदस्यता रद्द किए जाने की मांग हो रही है. इस शिकायत पर फैसला गुरुद्वारा चुनाव निदेशक को लेना होगा.