नई दिल्ली: दिल्ली की मशहूर लव कुश और श्री धार्मिक रामलीला में शुक्रवार छठे दिन शबरी मिलन, राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध व लंका दहन की लीलाओं का मंचन किया गया. मंचन के पहले दृश्य में श्रीराम, लक्ष्मण जी के साथ माता सीता की खोज में जंगल में भटक रहे हैं. दूर एक कुटिया से उन्हें जय श्रीराम की आवाज सुनाई देती हैं. पास जाने पर देखते हैं कि एक वृद्ध महिला मार्ग बुहारती हुई प्रभु श्री राम का नाम जप रही है. अपने अराध्य को देख शबरी उनके चरणों से गिर जाती है. श्री राम शबरी से मांगकर बेर खाते हैं और नवदा भक्ति का ज्ञान देते हैं
दूसरे दृश्य में राम लक्ष्मण जब सीता माता को खोजते हुए ऋष्यमूक पर्वत के निकट पहुंचे तब उनकी भेंट हनुमानजी से हुई. हनुमानजी उन्हें पर्वत पर ले गए और बानर राज सुग्रीव से उनकी मुलाकात हुई. सुग्रीव ने भी भगवान श्री राम को अपने भाई वाली के द्वारा छल कपट से लिए गए सिंहासन के बारे में बताया तब भगवान राम ने उन्हें सिंहासन दिलाने की बात कही. उसके बाद श्री राम के कहने पर सुग्रीव बालि से युद्ध करने के लिए जाते हैं. राम एक बाण से बालि का वध कर देते हैं और सुग्रीव को राज्य का राजा बना देते है. सुगीव भी मित्रता में दिए गए वचन के अनुसार सीता माता की खोज लिए सेना तैयार करते हैं.
तीसरे दृश्य में सेना की अगुवाई हनुमानजी करते हैं तथा समुद्र के पास पहुंचने पर उसे लाघंकर माता सीता की खोज में लंका पहुंच जाते हैं. विभीषण के बताने पर छोटा रूप धारण कर हनुमानजी अशोक वाटिका पहुंचते हैं जहां हनुमानजी माता सीता को अपने बारे में बतातें हैं और भगवान राम का संदेश, अंगूठी देते हैं. भूख लगने पर माता सीता की आज्ञा लेकर हनुमानजी अशोक वाटिका में फल खाते हैं और वाटिका उजाड़ देते हैं. सैनिक जब यह खबर रावण को देते हैं. तब रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को हनुमानजी को पकड़कर कर लाने का आदेश देता है. अक्षय कुमार हनुमान पकड़ने वाटिका पहुंचता है तो हनुमानजी उसका वध कर देते हैं. अक्षय कुमार वध की सूचना दरबार में पहुंचती है, तो मेघनाद अशोक वाटिका पहुंचकर हनुमानी को ब्रहमास़्त्र से बांधकर रावण के दरबार में ले जाता है. रावण हनुमानजी को मारने का आदेश देते है. तभी विभीषण वहां आ जाते है और भनायक दंड देने की बात कहते हुए हनुमानीजी की पूंछ में आग लगा देते है. तब हनुमानीजी लंका में जहां तहां कूद कर आग लगा देते हैं.
मंचन समाप्त होने के बाद भगवान राम लक्ष्मण और सीता मां की आरती की गई वहीं समापन के दौरान बॉलीवुड के अभिनेता और नाटकों के कलाकार भाभी जी से एम विभूति नारायण मिश्रा और तिवारी जी भी वहां पहुंचे. रामलीला कमेटी की तरफ से उनका जोरदार स्वागत किया गया.
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