नई दिल्ली: दिल्ली के चिड़ियाघर में रहने वाली महेश्वरी, अंजूहा (गैंडा) जिन्हें लंबे समय से अपने साथी का इंतजार है, अब इनका इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. दरअसल, वर्षो से साथी का इंतजार कर रही मां-बेटी की जोड़ी को जल्द ही नया साथी मिल सकता है. चिड़ियाघर प्रशासन ने एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दूसरे राज्य से नर गैंडा लाने की तैयारी तैयारी शुरू कर दी है. उम्मीद की जा रही है एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दूसरे राज्य के चिड़ियाघर से अंजूहा और महेश्वरी (मादा गैंडा) के लिए नर गैंडा लाया जाए. हालांकि, अगर दूसरे राज्य से एक्सचेंज प्रोग्राम करने में सफलता मिलती है तो जू में जहां एक तरफ खुशियां होंगी, तो दूसरी तरफ गम भी होगा.
टूट जाएगी मां बेटी की जोड़ी: दिल्ली जू में फिलहाल दो मादा गैंडा है, जिनका नाम महेश्वरी और अंजूहा है. यह दोनों मां बेटी है. नर गैंडा की कमी के चलते लंबे समय से इनकी संख्या दो ही है. इनकी संख्या बढ़ाने के लिए नर गैंडा की सख्त जरूरत है. इसे लेकर साल दर साल जू प्रशासन ने कई बार सेंट्रल जू अथॉरिटी को पत्र लिखा. कई बार एक्सचेंज प्रोग्राम फाइनल भी हुए. लेकिन कभी मौसम ने दगा दिया तो कभी दूसरे राज्यों के चिड़ियाघरों ने गैंडा देने से मना कर दिया. हालांकि अब एक बार फिर आस बंधी है. जानकारी के अनुसार, बिहार की राजधानी पटना से नर गैंडा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाया जाएगा. अगर यह होता है तो दिल्ली जू में लंबे समय से रह रही मां बेटी की जोड़ी टूट जाएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक मेहमान का आगमन होगा तो दूसरे मेहमान को अपना घर छोड़ना होगा.
5 साल पहले अयोध्या को लाने की चली थी बात: करीब 5 साल पहले दिल्ली जू की पहली महिला निदेशक और आईएफएस अधिकारी रेनू सिंह के कार्यकाल में अंजूहा और महेश्वरी को साथी दिलाने के क्रम में रेनू सिंह ने पटना जू से संपर्क किया था. तब पटना जू ने दिल्ली जू को अयोध्या (गैंडा) लौटाने की बात कही थी. इसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन भी खुश था. क्योंकि अयोध्या का जन्म दिल्ली जू ही में हुआ था. 90 के दशक में जन्मे इस गैंडा का नाम अयोध्या रखा गया था. इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग जू पहुंचते थे. हालांकि यह एक्सचेंज प्रोग्राम पूरा नहीं हो पाया.
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क्या कहती हैं चिड़ियाघर निदेशक: इस बारे में जू निदेशक आकांक्षा महाजन कहती हैं कि कई राज्यों के जू से वन्य जीव लाने की बात चल रही है. उम्मीद है कि कुछ नए प्रजाति के वन्य जीव यहां लाए जाएंगे. साथ ही हम यह प्रयास कर रहे हैं कि हमारे यहां जो लंबे समय से नर गैंडा की कमी है, उसे एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पूरा किया जा सके.
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