नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिल्ली महिला आयोग ने 48 लोगों को सम्मानित किया. इसमें दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भर से लोगों को सम्मानित किया गया.वहीं डिफेंस के भी तमाम अधिकारियों और महिला अफसरों को दिल्ली महिला आयोग ने सम्मानित किया.
हैदराबाद से आने वाली लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी, जो देश की पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की परेड में पुरूष सैन्य दल की टुकड़ी का नेतृत्व किया. वहीं होशियारपुर पंजाब की कैप्टन तानिया शेरगिल, जो गणतंत्र दिवस परेड की पहली महिला परेड adjutant बनीं. इसके साथ ही गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर 65 जांबाज डेयरडेविल बाइकर्स महिलाओं का नेतृत्व करने वाली सीआरपीएफ की इंस्पेक्टर सीमा नाग को भी सम्मानित किया गया.
इसके साथ ही भारतीय वायु सेना से जबांज महिला अफसरों को सम्मानित किया गया, जिसमें फ्लाइंग ऑफिसर अंजलि, स्क्वाड्रन लीडर शिखा पांडे, विंग कमांडर उवेना फर्नांडीस, स्क्वाड्रन लीडर कीर्ति, स्क्वाड्रन लीडर शिप्रा दीप शामिल हैं. इसके साथ ही इस सूची में पंजाब के मनसा डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले 23 साल के शहीद सिपाही गुरतेज सिंह भी शामिल है. जिन्होंने पिछले वर्ष चीन के साथ गलवान घाटी में हुई तकरार के दौरान चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब देते हुए शहादत पाई थी.
चंद्रयान -2 मिशन की महिला साइंटिस्ट सम्मानित
इतना ही नहीं चंद्रयान -2 मिशन को सफल बनाने वाली महिला साइंटिस्ट को भी सम्मानित किया गया. जिसमें वनिथा एम, आउट स्टैंडिंग साइंटिस्ट, कल्पना के साइंटिस्ट /इंजीनियर, कल्पना अराविंद, साइंटिस्ट/ इंजीनियर, रितु कारीदाल, साइंटिस्ट/ इंजीनियर, जी पदमा पद्मनाभन, साइंटिस्ट/ इंजीनियर, केपी लिल्ली, साइंटिस्ट/ इंजीनियर, प्रियंका साइंटिस्ट/ इंजीनियर शामिल हैं.
कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह को सम्मानित किया
इसके साथ ही कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में एक बिल्डिंग में लगी आग के दौरान बुजुर्ग दंपत्ति को अपनी जान पर खेलकर बचाया था. अपनी सूझबूझ से कॉन्स्टेबल ने खुद घर की छत पर चढ़कर बुजुर्ग दंपत्ति को सुरक्षित घर से बाहर निकाला था.
पहलवान नीतू सरकार को भी सम्मानित किया
इसके साथ ही पहलवान नीतू सरकार को भी दिल्ली महिला आयोग द्वारा सम्मानित किया गया. 13 वर्ष की आयु में नीतू का विवाह हो गया था और 14 साल की उम्र में वह दो बच्चों की मां बन गई थीं. लेकिन जब ससुराल में उनके साथ उनके ससुर ने बलात्कार का प्रयास किया तो वो अपने बच्चों को लेकर ससुराल से भाग निकलीं थीं. इसके बाद फिर कुश्ती सीखना शुरू किया. नीतू अपने इस जज्बे से आज राष्ट्रीय लेवल तक पहचान बना चुकी है.
वकील महेंद्र सिंह के परिवार को सम्मानित किया
उन्नाव रेप केस में पिता का केस लड़ कर उसकी सहायता करने वाले स्वर्गवासी वकील महेंद्र सिंह के परिवार को दिल्ली महिला आयोग ने सम्मानित किया. एक बिना नंबर प्लेट वाले रखनी पीड़ित और वकील को टक्कर मार दी थी. जिसमें पीड़िता और वकील बुरी तरह जख्मी हो गए थे, जिसके आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल खुद लखनऊ पहुंची थीं. पीड़ितों को दिल्ली के एम्स अस्पताल लाने की अपील के बाद दिल्ली लाया गया. जहां पीड़िता तो ठीक हो गई, लेकिन वकील महेंद्र सिंह जिंदगी की लड़ाई हार गए.
ये भी पढ़ें:-नारी तू नारायणी: एक मां की संघर्ष गाथा, जिसने दिलाया निर्भया को इंसाफ
इसके साथ ही दिल्ली सरकार की एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रीता शर्मा को भी सम्मानित किया गया. जो रोजाना बेटियों के प्रति होते अपराध में शामिल आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लड़ती हैं. रीता को उनकी ईमानदारी और निष्ठा के लिए जाना जाता है.
पहली नेत्रहीन आईएएस अफसर भी सम्मानित
इसके साथ ही देश की पहली नेत्रहीन आईएएस अफसर बनी प्रांजल पाटिल को भी दिल्ली महिला आयोग द्वारा सम्मानित किया गया, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 124 वीं रैंक हासिल कर देश का नाम रोशन किया. आज वह दिल्ली सरकार में एसडीएम की पोस्ट पर नियुक्त हैं.
इसकी साथ ही ज्वाइन कमिश्नर इनकम टेक्स अमनप्रीत को भी सम्मानित किया गया, जो समाज में महावारी को लेकर रुढ़िवादी सोच के प्रति जागरूकता बड़ा रही है. कोरोना काल में उन्होंने अपनी टीम के साथ 18 राज्यों में 12 लाख से ज्यादा सैनेटरी नैपकिन बाटें हैं. जिसमें से 50 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल पहली बार किया था.
डॉक्टर बसंत कुमार भी सम्मानित
इसके साथ ही इस सूची में डॉक्टर बसंत कुमार भी शामिल है, जिन्होंने ताजमहल में पहला स्तनपान कक्ष बनवाने की पहल की थी. जब उन्होंने एक बार कड़कड़ाती हुई धूप में एक महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए देखा, तब उन्होंने इसकी पहल की जिसके बाद आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत सभी राष्ट्रीय स्मारकों में स्तनपान कक्ष बनवाने के निर्देश दिए गए.
दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल सुमन को भी दिल्ली महिला आयोग द्वारा सम्मानित किया गया. जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान 16 फरवरी 2020 को एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने में उसकी मदद की. महिला ने बच्चे को जिप्सी में ही जन्म दे दिया था, बच्चे के जन्म की डिलीवरी में कॉन्स्टेबल ने भी सहायता की. इसके साथ ही 30 अप्रैल 2020 को प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक महिला को अस्पताल ले जाने वाली कॉन्स्टेबल रेशम, asi हवा सिंह और asi सुरेंद्र को भी सम्मानित किया. हालांकि महिलाओं को असहनीय दर्द होने के कारण कॉन्स्टेबल रेशम ने पीसीआर में ही महिला की डिलीवरी कराई, महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया.
लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस शानदार काम किया और कई दिल्ली पुलिस कर्मियों ने अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर अद्भुत काम किए, जिसमें asi राजेश, हैड कांस्टेबल पवन और कॉन्स्टेबल पूजा शामिल है. जिन्होंने लॉकडाउन के समय गर्भवती महिला को अपनी सूझबूझ से अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी, हालांकि पीसीआर वैन में ही महिला की डिलीवरी करनी पड़ी थी.
ये भी पढ़ें:-नारी तू नारायणी: जानिए महिला सुरक्षा ऐप के बारे में
इसके साथ ही 40 साल की काजल शर्मा को भी सम्मानित किया गया. जो जन्म से ही सलेब्रल पाल्सी नामक बीमारी से ग्रस्त हैं, बावजूद इसके वह पूरी जिंदादिली के साथ अपना जीवन जी रही हैं और गायन और संस्कृत मंत्र उच्चारण का पाठ करने में निपुण हैं. काजल शर्मा लंबे समय से दिव्यांग लोगों के लिए उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं.
इस सूची में ट्रांसजेंडर किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी शामिल हैं. जिन्हें साल 2016 में किन्नर अखाड़ा की पहली महामंडलेश्वर बनाया गया. वह यूनाइटेड नेशंस सिविल सोसाइटी टास्क फोर्स की भी सदस्य रह चुकी हैं. साथ ही संयुक्त राष्ट्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इसके साथ ही टोरंटो में विश्व एड्स सम्मेलन जैसे मंचों पर ट्रांसजेंडर के लिए 'अस्तित्व' नाम का संगठन चला रही है.
8 साल की एथलीट पूजा बिश्नोई को भी सम्मानित किया
इसके साथ ही 8 साल की एथलीट पूजा बिश्नोई को भी सम्मानित किया गया, जो एक फास्ट बॉलर भी हैं और उन्होंने 5 साल की उम्र में ही सिक्स पैक ऐप बनाकर रिकॉर्ड कायम किया है. पूजा 2024 यूथ ओलंपिक में हिस्सा लेना चाहती हैं जिसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है.
ये भी पढ़ें:- नारी तू नारायणी: पहले खुद बनी स्वावलंबी, फिर महिलाओं को दिया रोजगार
इस मौके पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि पिछले 5 सालों से दिल्ली महिला आयोग दिन-रात महिलाओं की सुरक्षा और उनके हितों के लिए काम कर रहा है. पिछले 3 सालों में एक लाख से ज्यादा कॉल हेल्पलाइन नंबर 181 पर अटेंड की गई है. इसके साथ ही पूरी दिल्ली में 23 रेस्क्यू व्हेन घूम रही है, जिसमें 66 काउंसलर महिलाओं तक मदद पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें:- नारी तू नारायणी: 80 की उम्र में 'अम्मा की टपरी' हुई फेमस, खाने के लोग हुए मुरीद
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह अब तक दो बार महिलाओं के अधिकारों के लिए अनशन कर चुकी हैं. पहला अनशन जब किया था तब दिल्ली में एक 8 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था. इस दौरान उन्होंने बच्चों के बलात्कारियों को फांसी की सजा दिए जाने के कानून की मांग की थी. जिसे केंद्र सरकार ने माना था और कानून लाया गया और यह वादा किया गया कि पूरे देश में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे, पुलिस के अफसरों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
ये भी पढ़ें:-नारी तू नारायणी: महिलाओं में उम्मीद की किरण जगा रहीं दिल्ली पुलिस की सब इंस्पेक्टर
दूसरा अनशन हैदराबाद में महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद जिंदा जलाकर हत्या के खिलाफ किया गया. जिसके बाद केंद्र सरकार ने हमसे वादा किया कि पूरे देश भर में 1000 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे जिसको लेकर हमारी लड़ाई जारी है.
महिलाओं के हितों को लेकर काम जारी रहेगा
स्वाति मालीवाल ने कहा कि जब उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के पद को संभाला था तब इसका बजट केवल तीन करोड़ हुआ करता था. लेकिन आज दिल्ली सरकार ने से बढ़ाकर ₹40 करोड़ कर दिया है, जो कि राष्ट्रीय महिला आयोग के बजट से भी आधा है. लेकिन हम लगातार महिलाओं के हितों और उनकी रक्षा को लेकर काम कर रहे हैं आगे भी जारी रहेगा.
ये भी पढ़ें:-नारी तू नारायणी: मासिक धर्म के दौरान किन-किन बातों का रखें खास ध्यान