नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रही मानव तस्करी की घटनाओं को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने चिंता जताई है. साथ ही दिल्ली श्रम विभाग को नोटिस जारी किया गया है.
दिल्ली महिला आयोग ने कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली महिलाओं की तस्करी का गढ़ बन गई है. इसके पीछे अनियमित रूप से चल रही प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियां बड़ा कारण है.
'बच्चियों को बेच दिया जाता है'
नाबालिक बच्चियां और महिलाएं इन प्राइवेट एजेंसी के चंगुल में फंस जाती हैं और फिर नहीं निकल पाती, इन एजेंसियों द्वारा अनियमित तरीके से तस्करी कर लाई गई महिलाओं और बच्चियों को बेच दिया जाता है.
विधानसभा में अभी तक पेश नहीं हुआ बिल
बता दें कि सितंबर 2018 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि सरकार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए एक बिल लाने जा रही है और उसे जल्द ही दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन अभी तक विधानसभा में ऐसा कोई बिल पेश नहीं किया गया है. जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने इसे बहुत ही गंभीर बताया और कहा कि कानून पास होने में देरी की वजह से आए दिन लड़कियां इन प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल में फंस कर इनका शिकार बन रही हैं.
आयोग का कहना है कि इस कानून के पास होने में देरी की वजह से मानव तस्करी दिल्ली में तेजी से बढ़ रही है नाबालिक लड़कियों को इन प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा इधर उधर भेजा जा रहा है.
श्रम विभाग से मांगा जवाब
आयोग ने इस मामले में श्रम विभाग से जवाब मांगा है. आयोग ने बिल की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी है और पूछा कि बिल कब तक दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा. साथ ही आयोग ने राजधानी में प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए अन्य कदम की जानकारी भी मांगी है. इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने 1 जुलाई तक श्रम विभाग को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.