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दिल्ली हिंसा के आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज - दिल्ली हिंसा के आरोपी की बेल कैंसिल

दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हुई हिंसा के आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज हो गई है. कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज ने कहा कि इसमें 19 पुलिस वाले घायल हुए थे और एक व्यक्ति की मौत हुई थी. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है.

Delhi violence accused bail plea rejected
दिल्ली हिंसा के आरोपी की जमानत याचिका खारिज
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Published : Dec 16, 2020, 8:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हिंसा के आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि इस मामले में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और अमन नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हुई थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है.


आरोपी के साफ-सुथरे इतिहास का दावा
सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से वकील सीमा मिश्रा ने कहा कि आरोपी पिछले 30 मार्च से हिरासत में है. आरोपी 24 साल का है और वह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य है. उसका पूर्व का इतिहास साफ-सुथरा रहा है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी भाग गया और पुलिस ने सलमान को झूठे तरीके से फंसा दिया. वह न तो गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा था और न ही उसके पास से कुछ बरामद किया गया है.

ये भी पढ़ें: 'दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में किसानों के लिए बनाए गए तीन काले कानून पर भी हो चर्चा'


25 फरवरी को 19 पुलिसकर्मी हुए थे घायल
आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा कि 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ संगठित विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. शांति भंग होने की आशंका पर पुलिस ने 24 फरवरी को इलाके में धारा 144 लगा दिया था. 25 फरवरी को जाफराबाद इलाके के कई इलाकों में काफी संख्या में लोग जुट गए. पुलिस को पत्थरबाजी, फायरिंग, एसिड अटैक और लूटपाट की खबरें लगातार मिल रही थीं. क्रेसेंट पब्लिक स्कूल के पास मेन 66 फुटा रोड पर सीआरपीएफ के जवानों को हिंसक भीड़ को रोकने के लिए तैनात किया गया था. जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी और फायरिंग की गई. इस हमले में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और अमन नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी.



सह-आरोपियों ने लिया था सलमान का नाम
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान इस मामले के चार आरोपियों ने सलमान के नाम का खुलासा किया. उनके बयानों के आधार पर सलमान से 28 और 30 मार्च को पूछताछ की गई थी. सलमान को 31 मार्च को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर उसका जैकेट बरामद किया गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास 66 फुटा रोड पर दंगाईयों की भीड़ में शामिल था. उसे वीडियो क्लिप में भी देखा जा सकता है. सलमान की पहचान सब-इंस्पेक्टर पंकज ने भी की थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी का घर यूपी में है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो उसके भागने की आशंका है. आरोपी के खिलाफ चार मामले पहले से दर्ज हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थीं और करीब 200 लोग घायल हुए थे. इस हिंसा में सरकारी और निजी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हिंसा के आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि इस मामले में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और अमन नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हुई थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है.


आरोपी के साफ-सुथरे इतिहास का दावा
सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से वकील सीमा मिश्रा ने कहा कि आरोपी पिछले 30 मार्च से हिरासत में है. आरोपी 24 साल का है और वह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य है. उसका पूर्व का इतिहास साफ-सुथरा रहा है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी भाग गया और पुलिस ने सलमान को झूठे तरीके से फंसा दिया. वह न तो गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा था और न ही उसके पास से कुछ बरामद किया गया है.

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25 फरवरी को 19 पुलिसकर्मी हुए थे घायल
आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा कि 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ संगठित विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. शांति भंग होने की आशंका पर पुलिस ने 24 फरवरी को इलाके में धारा 144 लगा दिया था. 25 फरवरी को जाफराबाद इलाके के कई इलाकों में काफी संख्या में लोग जुट गए. पुलिस को पत्थरबाजी, फायरिंग, एसिड अटैक और लूटपाट की खबरें लगातार मिल रही थीं. क्रेसेंट पब्लिक स्कूल के पास मेन 66 फुटा रोड पर सीआरपीएफ के जवानों को हिंसक भीड़ को रोकने के लिए तैनात किया गया था. जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी और फायरिंग की गई. इस हमले में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और अमन नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी.



सह-आरोपियों ने लिया था सलमान का नाम
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान इस मामले के चार आरोपियों ने सलमान के नाम का खुलासा किया. उनके बयानों के आधार पर सलमान से 28 और 30 मार्च को पूछताछ की गई थी. सलमान को 31 मार्च को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर उसका जैकेट बरामद किया गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास 66 फुटा रोड पर दंगाईयों की भीड़ में शामिल था. उसे वीडियो क्लिप में भी देखा जा सकता है. सलमान की पहचान सब-इंस्पेक्टर पंकज ने भी की थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी का घर यूपी में है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो उसके भागने की आशंका है. आरोपी के खिलाफ चार मामले पहले से दर्ज हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थीं और करीब 200 लोग घायल हुए थे. इस हिंसा में सरकारी और निजी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था.

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