नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में सभी जगहों को लॉकडाउन कर दिया गया है. साथ ही सरकार के सख्त निर्देश है कि किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती ना की जाए. ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित डीयू के 12 कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को मार्च महीने का वेतन ना मिलने से उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा हैं.
इसको लेकर डीयू शिक्षकों की ओर से दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. एके भागी और वर्तमान सदस्य डॉ. बीएस नेगी ने मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर उनसे वेतन की गुहार लगाई है.
सीएम को पत्र लिखकर वेतन की गुहार
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज ऐसे हैं जो दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं. इन कॉलेजों में काम कर रहे शिक्षक मार्च की सैलरी ना मिलने से काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार की ओर से जारी होने वाला अनुदान नियमित रूप से जारी नहीं होता, जिसके चलते आधा अप्रैल बीत जाने के बाद भी अभी तक मार्च महीने का वेतन नहीं मिला है.
वहीं इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. एके भागी और वर्तमान सदस्य डॉ. बीएस नेगी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द अनुदान की राशि देने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है.
'सरकार अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेती'
वहीं डॉक्टर भागी और डॉक्टर नेगी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि पहले मैनेजमेंट कमेटी के गठन में हस्तक्षेप की वजह से सरकार ने 2 महीने का वेतन रोक दिया था और अब जब मैनेजमेंट कमिटी के मेंबर के नाम पर मुहर लग गई है.
तब भी सरकार बाज नहीं आ रही है. कभी वह कॉलेज के प्रिंसिपलों पर दबाव बना रही है, तो कभी शिक्षकों के वेतन को रोककर उन्हें परेशान कर रही हैं. उनका कहना है कि सरकार इन कॉलेज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रही है.
नेता प्रतिपक्ष से भी हस्तक्षेप करने की गुहार
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई और कहा कि दिल्ली सरकार न केवल शिक्षकों के वेतन के लिए उपयुक्त राशि दे बल्कि सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत लंबित एरियर की राशि भी मुहैया कराए. इसके अलावा कॉलेज के सुचारू रूप से संचालन के लिए जरूरी अनुदान, नए कोर्स से बढ़ने संसाधनों के चलते जो आवश्यकताएं आई है, उसको भी पूरा करने की व्यवस्था की जाए.
इसके अलावा कई महाविद्यालय में अभी भी कई शिक्षकों को समर वेकेशन 2019 की सैलरी नहीं मिली है,उसे भी जल्द से जल्द जारी किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्तर पर नए पदों के सृजन का काम भी अटका हुआ है.
इसलिए जरूरी है कि यह काम भी समय रहते पूर्ण रूप से निपटाया जाए. वहीं उन्होंने नेता विपक्ष से आग्रह किया है कि वह शिक्षा के केंद्रों को बचाने में और इन्हें सुचारू रूप से चलाने में उनका सहयोग करें.