नई दिल्ली: दिल्ली में मंगलवार को दिल्ली बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केजरीवाल सरकार के परिवहन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर जमकर निशाना साधा था. अब दिल्ली टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष संजीव सम्राट ने भी इस बारे में बड़ा खुलासा किया है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार हर साल टैक्सियों से 9 हजार रुपये और प्राईवेट बसों से 22 से 36 हजार रुपये पैनिक बटन लगाने के नाम पर लेती है. लेकिन यह पैनिक बटन काम ही नहीं करता. उन्होंने बताया कि कार में दोनों तरफ यह बटन लगाया जाता है. इसकी कीमत केवल पांच रुपये है. महिला सुरक्षा नाम पर टैक्सी और बस वालों से पैसे तो लिए जाते हैं, लेकिन यह बटन काम नहीं करता. महिलाओं की सुरक्षा ऐसे कैसे होगी. लोगों से पिछले 4 सालों से धोखाधड़ी की जा रही है. हम चाहते हैं कि हमारा पैसा हमें ब्याज के साथ वापस किया जाए.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि परिवहन विभाग ने आज तक कोई कॉल सेंटर कोई कॉल सेंटर नहीं बनाया. अगर कोई महिला इमरजेंसी में इस बटन को दबाती है तो उसका कोई फायदा ही नहीं है. हम मांग करते है कि कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि जनता यह जान सके कि फर्जी वेंडरों के नाम पर करोड़ों की यह राशि आम आदमी पार्टी के किन-किन नेताओं में बंटी है.
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यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए केजरीवाल सरकार ने बसों और टैक्सियों में पैनिक बटन अनिवार्य कर दिया था. इसके लिए केजरीवाल सरकार प्रचार कर रही थी कि वह महिला सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित है. लेकिन उनकी चिंता कितनी बनावटी और झूठी है, इसका अब सबको पता चल गया है. इसकी शुरुआत साल 2019 में की गई थी. चार साल से यह राशि लगातार वसूली जा रही है और यह पैसा आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिया जा रहा है.
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