नई दिल्ली: राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में इस बार दिल्ली की झलक नहीं दिखाई देगी. धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक विरासत की थीम पर आधारित दिल्ली की झांकी का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया है.
'56 में से 22 झांकियों के प्रस्ताव को मंजूरी'
जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के पास राजपथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए इस बार कुल 56 प्रस्ताव आए थे. इनमें से 22 झांकियों के प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं. इनमें तीन केंद्रीय मंत्रालयों 3 सरकारी विभागों और 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल की गई है.
'चौथे राउंड में फिसली दिल्ली'
दिल्ली सरकार के कला और संस्कृति विभाग ने इस बार राजधानी की 'धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक विरासत' पर झांकी तैयार करने का प्रस्ताव भेजा था. इसमें दर्शाया जाना था कि दिल्ली में सभी धर्म संप्रदायों के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं. यहां सभी धर्मों के अनुयायियों के धार्मिक स्थल भी हैं. विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली के इस प्रस्ताव को चार राउंड तक विचाराधीन रखा लेकिन उसके बाद अस्वीकृत कर दिया.
इन विभागों और मंत्रालयों की झांकी हुई स्वीकृत
- औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
- वित्तीय सेवाएं विभाग
- राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल गृह मंत्रालय
- केंद्रीय लोक निर्माण विभाग
- जहाजरानी मंत्रालय
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां हुई है स्वीकृत
इस बार गणतंत्र दिवस पर आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश की झाकियां सम्मिलित होंगी.
'AAP के शासन काल में दो बार सम्मिलित हो चुकी है झांकी'
बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में दिल्ली की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में सिर्फ दो बार शामिल हुई हैं. साल 2019 में यह महात्मा गांधी के 150 में जयंती वर्ष के थीम पर थी. जबकि इससे पहले दिल्ली के मॉडल स्कूलों पर आधारित झांकी को भी शामिल किया गया था.