नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Delhi Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) द्वारा अनलॉक 3 के दौरान दी गई छूट को आंशिक राहत बताया है. उन्होने मार्केट को 10 से 8 के तय समय में खोलने के फैसले पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे भीड़ बढ़ेगी. संक्रमण का खतरा बढ़ेगा क्यूंकि इस तेज़ गर्म मौसम में लोग दोपहर के समय कम ही निकलते हैं.
उन्होंने दिल्ली सरकार (Delhi Government) से मार्केट खुलने के समयावधि को बढ़ाने, सभी साप्ताहिक बाज़ार व पार्कों को खोलने तथा शादियों, अंतिम संस्कार में कुछ और लोगों को बुलाने की छुट का मांग की.
'पार्क बन्द रखने का फैसला गलत'
चौधरी अनिल कुमार (Chaudhary Anil Kumar) ने अरविंद केजरीवाल के अनलॉक प्रक्रिया (Unlock process) में पार्कों को बंद रखने के फैसले को गलत बताया. उन्होने कहा कि दिल्ली कि जनता 19 अप्रैल से लॉकडाउन के बाद से अधिकांश घरों में बंद है. ऐसे में पार्कों को खोलने तथा सिविल डिफेंस वॉलंटियर की मदद से कोविड नियमों के पालन सुनिश्चित करवाने की मांग कांग्रेस पार्टी ने की थी ताकि लोग व्यायाम कर सकें, खुली हवा में सांस ले सकें.
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केजरीवाल सरकार ने अनलॉक 3 के दौरान दी गई छूट में इसे नहीं खोलने का फैसला लिया. चौधरी अनिल कुमार (Chaudhary Anil Kumar) ने कहा कि बिना राहत दिये अर्थव्यवस्था को ज्यादा दिनों तक बंद रखने का फैसला गलत था. उन्होंने कहा कि शनिवार को डीडीएमए की मीटिंग से पहले कांग्रेस पार्टी ने साप्ताहिक बाज़ार, सैलून, जिम, रेस्टोरेंट, होटल इत्यादि को छूट देने की मांग रखी थी. लेकिन अरविंद केजरीवाल का रेस्टोरेंट, मॉल जैसे बंद जगहों को खोलने व पार्क जैसे खुली जगहों को बंद रखने का फैसला तर्कहीन है.
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बढ़ेगी दिलों के बीच दूरियां
चौधरी अनिल कुमार ने प्रत्येक एमसीडी ज़ोन में मात्र एक साप्ताहिक बाज़ार खोलने के फैसले का विरोध किया. उन्होने कहा कि कांग्रेस की स्पष्ट मांग है कि सभी साप्ताहिक बाज़ार खोले जाने चाहिए क्यूंकि पिछले लगभग 2 महीने से ये बाज़ार बंद है. इनमें आर्थिक रूप से कमजोर छोटे दुकानदार रोजगार करते थे. लॉकडाउन के दौरान इन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं दी गई. चौधरी ने अरविंद केजरीवाल द्वारा शादियों, अंतिम संस्कार में मात्र 20 व्यक्तियों के शामिल होने के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपने समाज के बारे में ठीक से जानकारी नहीं. महामारी के इस दौर में हम इस सामाजिक बीमारी का मुक़ाबला सामाजिक व पारिवारिक रूप जुड़कर कर सकते हैं, लेकिन मात्र 20 व्यक्तियों के शामिल होने के फैसले से लोगों के बीच दिलों की दूरियां बढ़ेंगी, जिससे हमारा समाज टूटेगा, महामारी के खिलाफ बड़ी लड़ाई में हम कमजोर होंगे.