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अपराध पर लगाम लगाएंगे यह तीन हथियार, जून में पकड़े गए 3750 बदमाश

लॉकडाउन में दिल्ली के लोगों को अपराध से राहत मिली थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से दिल्ली में लगातार आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपराध पर नकेल कसने की कोशिश तेज कर दी है.

Delhi Police
दिल्ली पुलिस
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Published : Jul 18, 2020, 3:07 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन खुलने के बाद से अपराध पर नकेल कसने की कोशिश भी तेज हुई हैं. बीते जून माह में पुलिस ने 3750 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ऐसे बदमाशों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अब हिस्ट्रीशीट, तड़ीपार और मकोका के तहत कार्रवाई करने पर जोर दे रही है. पुलिस का मानना है कि इन तीन हथियारों की मदद से दिल्ली में होने वाले अपराध पर लगाम लगेगी.

दिल्ली पुलिस ने शुरू की बदमाशों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया


जानकारी के अनुसार बीते एक जून से लॉकडाउन खुलने के बाद जहां एक तरफ अपराधों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस की कार्रवाई भी तेज हुई है. दिल्ली पुलिस ने अकेले जून माह में ही बड़ी संख्या में बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस कमिश्नर की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि जो बदमाश आये दिन अपराध को अंजाम देते हैं उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए. उनकी हिस्ट्री शीट खोली जाए, उन्हें तड़ीपार किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया जाए.


बदमाशों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया शुरु

दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार बीते जून महीने में कुल 3750 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 2133 बदमाशों के डोजियर खंगाले गए हैं. औसतन जून में 125 बदमाशों को रोजाना गिरफ्तार किया गया है.

इनमें से 269 ऐसे बदमाश थे जो हिस्ट्री शीट के लिए फिट पाए गए हैं. इनमें से 169 बदमाशों के खिलाफ हिस्ट्री शीट तैयार भी की गई है. गिरफ्तार बदमाशों में से 198 बदमाश के खिलाफ तड़ीपार की कार्यवाही शुरू की गई है. 28 को इसे लेकर नोटिस भी दिया जा चुका है. वहीं इनमें से दो ऐसे बदमाश मिले हैं जिन पर मकोका लगाया जा सकता है. इसे लेकर पुलिस तैयारी भी कर रही है.


क्या है यह तीन हथियार

हिस्ट्रीशीटर- अकसर अपराध करने वाले बदमाशों का नाम इसमें दर्ज कर दिया जाता है. इससे पता चलता है कि वह इस थाने के क्षेत्र में रहने वाला शातिर बदमाश है.

तड़ीपार- जो बदमाश अकसर वारदात करते हैं, उन्हें पुलिस तड़ीपार कर देती है. यह अवधि कम से कम छह माह की होती है. तड़ीपार की इस अवधि में बदमाश शहर में दाखिल नहीं हो सकता.

मकोका- संगठित तौर पर अपराध करने वाले बफमाशों के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया जाता है. जिसके खिलाफ मकोका की कार्रवाई होती है, उसे कई वर्षों तक अदालत से भी जल्दी जमानत नहीं मिलती है.

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन खुलने के बाद से अपराध पर नकेल कसने की कोशिश भी तेज हुई हैं. बीते जून माह में पुलिस ने 3750 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ऐसे बदमाशों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अब हिस्ट्रीशीट, तड़ीपार और मकोका के तहत कार्रवाई करने पर जोर दे रही है. पुलिस का मानना है कि इन तीन हथियारों की मदद से दिल्ली में होने वाले अपराध पर लगाम लगेगी.

दिल्ली पुलिस ने शुरू की बदमाशों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया


जानकारी के अनुसार बीते एक जून से लॉकडाउन खुलने के बाद जहां एक तरफ अपराधों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस की कार्रवाई भी तेज हुई है. दिल्ली पुलिस ने अकेले जून माह में ही बड़ी संख्या में बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस कमिश्नर की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि जो बदमाश आये दिन अपराध को अंजाम देते हैं उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए. उनकी हिस्ट्री शीट खोली जाए, उन्हें तड़ीपार किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया जाए.


बदमाशों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया शुरु

दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार बीते जून महीने में कुल 3750 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 2133 बदमाशों के डोजियर खंगाले गए हैं. औसतन जून में 125 बदमाशों को रोजाना गिरफ्तार किया गया है.

इनमें से 269 ऐसे बदमाश थे जो हिस्ट्री शीट के लिए फिट पाए गए हैं. इनमें से 169 बदमाशों के खिलाफ हिस्ट्री शीट तैयार भी की गई है. गिरफ्तार बदमाशों में से 198 बदमाश के खिलाफ तड़ीपार की कार्यवाही शुरू की गई है. 28 को इसे लेकर नोटिस भी दिया जा चुका है. वहीं इनमें से दो ऐसे बदमाश मिले हैं जिन पर मकोका लगाया जा सकता है. इसे लेकर पुलिस तैयारी भी कर रही है.


क्या है यह तीन हथियार

हिस्ट्रीशीटर- अकसर अपराध करने वाले बदमाशों का नाम इसमें दर्ज कर दिया जाता है. इससे पता चलता है कि वह इस थाने के क्षेत्र में रहने वाला शातिर बदमाश है.

तड़ीपार- जो बदमाश अकसर वारदात करते हैं, उन्हें पुलिस तड़ीपार कर देती है. यह अवधि कम से कम छह माह की होती है. तड़ीपार की इस अवधि में बदमाश शहर में दाखिल नहीं हो सकता.

मकोका- संगठित तौर पर अपराध करने वाले बफमाशों के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया जाता है. जिसके खिलाफ मकोका की कार्रवाई होती है, उसे कई वर्षों तक अदालत से भी जल्दी जमानत नहीं मिलती है.

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