नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस प्रदर्शन पर गौर करे. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने कहा कि प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार तो है, लेकिन अगर ये प्रदर्शन रिहायशी इलाकों में होने लगेंगे तो गलत परंपरा शुरू हो जाएगी.
अब ट्रैफिक आवागमन शुरु हो गया
पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि केजरीवाल के घर के सामने शांति भंग होने की स्थिति में एहतियाती कदम उठाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अब प्रदर्शन बिल्कुल कम हो गया है और ट्रैफिक आवागमन शुरु हो गया है. इस इलाके में बैरिकेड्स नहीं के बराबर हैं.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उनकी कोशिश है कि सिविल लाईंस इलाके के लोगों को आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो और ट्रैफिक सेवा आसानी से चलता रहे.
सिविल लाईंस रेजिडेंट्स एसोसिएशन की याचिका
याचिका अरविंद केजरीवाल के आवास के आसपास रहनेवाले लोगों के संगठन सिविल लाईंस रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के सिविल लाईंस स्थिति आवास के बाहर दिल्ली के तीनों नगर निगमों के मेयरों को धरना देने की अनुमति दी है.
सिविल लाईंस इलाके में धरना देने पर कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को रोक लगा चुका है, उसके बावजूद ये अनुमति दी गई है.
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इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या
याचिका में कहा गया है कि इस इलाके में धरना देने से इलाके के लोगों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या बन गई है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया था कि इस इलाके के आवासीय रोड का ट्रैफिक बिल्कुल खाली रखा जाए और वहां धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाए.
तीनों नगर निगमों के मेयर धरने पर बैठे हैं
अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक दिल्ली नगर निगम को उसके हक का पैसा नहीं मिल जाता, तब तक धरना जारी रहेगा. इस धरना-प्रदर्शन से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.