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तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों को लेकर दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज - तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों के खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस के पास तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों के खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं है. साथ ही कहा कि पुलिस ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उससे आरोपियों की मरकज में उपस्थिति कहीं से भी साबित नहीं होती है.

Tablighi Jamaat
तबलीगी जमात
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Published : Nov 19, 2020, 10:08 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से बरी करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशन जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सबूत अपर्याप्त हैं.

तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों के खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बरी किया था

दरअसल साकेत कोर्ट की चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने पिछले 24 अगस्त को 44 विदेशी नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने मार्च महीने में इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट की धारा 14 बी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 ,270 , 271 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने इन विदेशी नागरिकों को बरी करते हुए कहा था की पुलिस ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उससे आरोपियों की मरकज में उपस्थिति कहीं से भी साबित नहीं होती है. कोर्ट ने कहा था कि एसडीएम ने जो रजिस्टर जब्त किया था उसमें आरोपियों का कहीं नाम नहीं था.


मार्च का मामला

बता दें कि पिछले मार्च महीने में निजामुद्दीन के मरकज में हुए कार्यक्रम में तबलीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे. उसके बाद प्रशासन ने तबलीगी जमात के लोगों को बाहर निकाल कर कई क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से बरी करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशन जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सबूत अपर्याप्त हैं.

तबलीगी जमात के 44 विदेशी नागरिकों के खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बरी किया था

दरअसल साकेत कोर्ट की चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने पिछले 24 अगस्त को 44 विदेशी नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने मार्च महीने में इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट की धारा 14 बी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 ,270 , 271 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने इन विदेशी नागरिकों को बरी करते हुए कहा था की पुलिस ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उससे आरोपियों की मरकज में उपस्थिति कहीं से भी साबित नहीं होती है. कोर्ट ने कहा था कि एसडीएम ने जो रजिस्टर जब्त किया था उसमें आरोपियों का कहीं नाम नहीं था.


मार्च का मामला

बता दें कि पिछले मार्च महीने में निजामुद्दीन के मरकज में हुए कार्यक्रम में तबलीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे. उसके बाद प्रशासन ने तबलीगी जमात के लोगों को बाहर निकाल कर कई क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया था.

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