नई दिल्ली: देशभर में किसी भी अपराध के होने पर पुलिस के लिए अपराधी को गिरफ्तार करने के साथ ही उसके खिलाफ साक्ष्य जुटाना भी महत्वपूर्ण होता है. कई बार साक्ष्यों के अभाव में आरोपी बरी भी हो जाते हैं, लेकिन अब दिल्ली में अपराधियों का बचना मुश्किल होगा. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने मौके से साइंटिफिक एविडेंस (scientific evidence) जुटाने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट (forensic expert) की एक टीम बनाई है. प्रत्येक जिले में ऐसी एक टीम तैनात की गई है, जो गंभीर अपराध के स्पॉट पर जाकर साइंटिफिक एविडेंस (scientific evidence) एकत्रित करेगी.
जानकारी के अनुसार, राजधानी में अपराध होने की सूरत में अधिकांश स्पॉट से साक्ष्य एकत्रित करने का काम पुलिसकर्मी ही करते थे. इसके लिए उन्हें एक सामान्य प्रशिक्षण करवाया जाता था, लेकिन वह इस विषय के एक्सपर्ट नहीं थे. दिल्ली में फॉरेंसिक लैब (forensic lab) की सुविधा है, लेकिन प्रत्येक स्पॉट पर जाना उनके लिए संभव नहीं है. इस वजह से दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने साइंटिफिक एविडेंस (scientific evidence) जुटाने वाले फॉरेंसिक एक्सपर्ट को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में शामिल किया है. प्रत्येक जिले में ऐसे एक्सपर्ट (expert) की तैनाती की गई है, जो क्राइम टीम का हिस्सा हैं.
इस टीम में बैलिस्टिक एक्सपर्ट (ballistic expert) एवं बायोलॉजी एक्सपर्ट (biology expert) को रखा गया है. किसी भी अपराध के होने पर पुलिस टीम के साथ वह मौके पर जाकर वहां से साक्ष्य जुटाते हैं. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह एक्सपर्ट अपराधी को पकड़ने एवं उन्हें सजा दिलवाने में काफी मददगार साबित होंगे.
इन अपराधों के स्पॉट करते हैं विजिट
-हत्या, हत्या का प्रयास, गोली चलना, लूट
टीम में हैं ये विशेषज्ञ
-बायोलॉजी एवं बैलिस्टिक एक्सपर्ट (ballistic expert)
- 15 जिलों में नियुक्त की गई हैं 15 टीम
-प्रत्येक रेंज में तैनात हैं एफएसएल की टीम
अपराधी को पकड़ना एवं सजा दिलाना होगा आसान
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के पूर्व एसीपी वेदभूषण (Ved Bhushan)ने बताया कि किसी भी अपराध के स्पॉट से साक्ष्य जुटाना सबसे महत्वपूर्ण होता है. कितना भी शातिर अपराधी हो, वह कोई न कोई सुराग छोड़ जाता है. अभी का समय साइंटिफिक एविडेन्स का है. न केवल देश बल्कि विदेशों में भी प्रत्येक अपराध को सुलझाने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है.
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) एसएन श्रीवास्तव ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इन एक्सपर्ट को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के साथ जोड़ा है. इनकी मदद से गंभीर अपराध के स्पॉट से साक्ष्य जुटाने में पुलिस को मदद मिलेगी. इससे एक तरफ जहां अपराधी तक पहुंचना पुलिस के लिए आसान होगा तो वहीं दूसरी तरफ अदालत के समक्ष उनका अपराध साबित करने में भी मदद मिलेगी.
एफएसएल भी निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
पूर्व एसीपी वेदभूषण (Ved Bhushan) ने बताया कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) अपराध के मामलों को सुलझाने एवं साक्ष्य जुटाने के लिए लगातार एफएसएल की मदद लेती रही है. दिल्ली दंगे का मामला हो या लालकिला पर हुए हंगामे का मामला, इन सभी जगहों से एफएसएल को बुलाकर पूरी जांच करवाई गई है.
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हाल ही में सुशील द्वारा मारपीट का जो वीडियो सामने आया, उसकी जांच भी फॉरेंसिक लैब (forensic lab) द्वारा की गई है. एफएसएल (FSL) ने ही इस बात की पुष्टि की है कि वीडियो से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है. इस रिपोर्ट ने पूरे केस में जान फूंक दी है. इसलिए अभी के समय में फॉरेंसिक जांच साक्ष्य जुटाने एवं अपराध साबित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. विदेशों में लंबे समय से इसका इस्तेमाल हो रहा है. उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की इस पहल से अन्य राज्यों की पुलिस भी सीख लेगी.
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