नई दिल्ली: अपराध कम करने के लिए अपराधियों को सजा दिलवाना बेहद जरूरी होता है. सबूतों के अभाव में बड़ी संख्या में आरोपी बरी हो जाते हैं. इसे लेकर दिल्ली पुलिस अब गंभीरता से काम कर रही है. यही वजह है कि दिल्ली में अपराधियों को सजा दिलवाने की दर में पहले से सुधार आया है. इतना ही नहीं पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में वो सजा का प्रतिशत काफी ऊपर ले जाने में कामयाब रहेगी.
जानकारी के अनुसार दिल्ली में अपराध बढ़ने की एक बड़ी वजह है अपराधियों को सजा ना मिलना. पुलिस को न केवल आरोपी को गिरफ्तार करना होता है, बल्कि उसके अपराध को अदालत के समक्ष साबित भी करना होता है. कई बार अलग-अलग कारणों से पुलिस जब अदालत के समक्ष अपराध साबित नहीं कर पाती तो अदालत आरोपी को बरी कर देती है. इससे उस अपराधी का भी मनोबल बढ़ता है और वो दोबारा अपराध में लग जाता है.
तफ्तीश में किया जा रहा सुधार
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अपराधियों को पकड़ने के साथ ही उन्हें सजा दिलवाना भी पुलिस की जिम्मेदारी है. इस तरफ दिल्ली पुलिस कड़ी मेहनत से काम कर रही है. यही वजह है कि दिल्ली के 30 थानों में कानून व्यवस्था और जांच को अलग किया गया है. जांच में लगे हुए पुलिसकर्मियों को थाने में कोई अन्य कॉल या कानून व्यवस्था में नहीं लगाया जाता.
उनसे केवल मामलों की जांच करवाई जाती है ताकि वो अपराधी के खिलाफ एक ठोस आरोपपत्र महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ तैयार करें और उन्हें सजा दिलवाएं. आने वाले समय में दिल्ली के अन्य थानों में भी इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलवाई जा सके.
अपराध और सजा का प्रतिशत :
अपराध | भारत में सजा का प्रतिशत | दिल्ली में सजा का प्रतिशत (2016) | दिल्ली में सजा का प्रतिशत (2017) |
डकैती | 19.70 | 60 | 76.92 |
लूट | 31.30 | 44.37 | 56.80 |
हत्या | 38.50 | 50.57 | 56.16 |
दुष्कर्म | 25.5 | 26.6 | 31.71 |
दुष्कर्म में सजा का प्रतिशत सबसे कम
आंकड़े बताते हैं कि न केवल पुलिस बल्कि देशभर में दुष्कर्म के मामलों में सजा का प्रतिशत बेहद कम है. पुलिस सूत्रों की मानें तो इसकी एक बड़ी वजह आपसी समझौता है. 30 फीसदी से ज्यादा दुष्कर्म के मामले शादी से इनकार करने की वजह से होते हैं. ऐसे में अदालत जाने पर बड़ी संख्या में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाता है, लेकिन इसके बावजूद दुष्कर्म के मामलों में सजा दिलवाने के लिए पुलिस गंभीरता से जुटी हुई है.