नई दिल्ली: राजधानी में अपराध तेजी से बढ़ रहा है और आंकड़े दर्शाते हैं कि चोरी, झपटमारी की घटनाओं में बेहद इजाफा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने अपने कुछ आंकड़े पेश किए हैं, जो दर्शा रहे हैं कि दिल्ली की सड़कों पर चलना किस हद तक मुश्किल हो गया है और इन सड़कों पर घूम रहे अपराधी कितने बेखौफ हो चले हैं. सड़क पर पैदल चल रहे लोगों से झपटमारी की वारदातें बढ़ रही हैं
अपराध में बढ़ोतरी
अपराध का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 में 31 मई तक 97 हजार 701 FIR दर्ज हुई थी, वहीं इस साल ये संख्या 1 लाख 23 हजार 767 हो गई है.
जानकारी के मुताबिक राजधानी में अपराध लगातार बढ़ रहा है. इसकी वजह से गृह मंत्रालय भी दिल्ली पुलिस से नाराज चल रहा है. हाल ही में 24 घंटे के भीतर 6 हत्याओं को अंजाम दिया गया और उसके बाद मुखर्जी नगर कांड हो गया. इन सबके बीच चोर, झपटमार और सेंधमारों ने दिल्ली पुलिस की नींदें उड़ा रखी है. झपटमार पलक झपकते ही मोबाइल, पर्स एवं गहने झपटकर फरार हो जाते हैं तो चोर और सेंधमार लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं.
30 फीसदी से ज्यादा बढ़ी चोरी की घटनाएं
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की माने तो घर में चोरी की वारदातों में बीते साल के मुकाबले कमी आई है. लेकिन अगर कुल आंकड़ों की बात करें तो इसमें 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2018 में जहां चोरी की कुल 53, 726 घटनाएं 31 मई तक हुई थीं तो वहीं इस साल 79,218 चोरी की घटनाएं 31 मई तक हो चुकी हैं. वहीं झपटमारी की बात करें तो बीते साल 2,691 वारदातों को 31 मई तक अंजाम दिया गया था. इस साल 31 मई तक झपटमारी की 2,812 वारदातें हो चुकी हैं.
वारदातों के सेक्शन में अदला-बदली
इस साल लूट के मामलों में कुछ कमी आई है, लेकिन इसका कारण FIR के सेक्शन में हेरफेर है. दरअसल पुलिस पर आरोप लगते हैं कि वो लूट की वारदातों को झपटमारी में और झपटमारी की वारदातों को चोरी में दर्ज कर देती है. यही वजह है कि चोरी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.