नई दिल्लीः दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने देशद्रोह का मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी करना आसान नहीं है. इसकी वजह जफरुल इस्लाम का संवैधानिक पद पर आसीन होना है. पुलिस उन्हें तब तक गिरफ्तार नहीं कर सकती जब तक वह इस पद से हटाए नहीं जाते. पुलिस अब उन्हें संवैधानिक पद से हटाने का रास्ता तलाश रही है.
जानकारी के अनुसार हाल ही में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने फेसबुक पर एक पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर चिंता जताई थी. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को यह चेताया था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वह अरब देशों से हस्तक्षेप के लिए कहेंगे. अगर अरब देशों ने भारत में हस्तक्षेप किया तो यहां जलजला आ जाएगा.
स्पेशल सेल से ले रही मदद
देशद्रोह के मामले में साइबर सेल ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन इस तरह के मामलों में जांच स्पेशल सेल की टीम द्वारा की जाती है. साइबर सेल खुद भी स्पेशल सेल का हिस्सा है. ऐसे में साइबर सेल जनकपुरी स्थित स्पेशल सेल में तैनात पुलिसकर्मियों की मदद ले रही है. बुधवार को एक संयुक्त टीम इस मामले में पूछताछ करने के लिए जफरुल इस्लाम के घर पहुंची.
यहां उनके आने की सूचना मिलते ही बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ उनके समर्थन में जुट गई. इसके चलते कुछ देर पूछताछ करने के बाद यह टीम लौट गई. सूत्रों का कहना है कि अभी इस प्रकरण में उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती क्योंकि वह एक संवैधानिक पद पर हैं. इसलिए केवल पूछताछ की जा सकती है.
उपराज्यपाल से कर सकते हैं निवेदन
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जफरुल इस्लाम की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल सेल उपराज्यपाल से निवेदन कर सकती है. वह उपराज्यपाल से निवेदन कर सकती है कि जफरुल इस्लाम को उनके संवैधानिक पद से हटाया जाए, क्योंकि वह देशद्रोह के मामले में आरोपी हैं. अगर उपराज्यपाल उनको इस पद से हटा देते हैं तो, उसके बाद स्पेशल सेल उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.