नई दिल्ली: कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली बांग्लादेशी दवा की नकली खेप बाजार में उतारी जा चुकी है. इन नकली दवाइयों को तैयार करने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. यह गैंग करनाल में नकली बांग्लादेशी दवाइयों को बनाकर कैंसर से जान बचाने वाली दवा बताकर, बाजार में सप्लाई कर रहा था. इनके पास से बड़ी मात्रा में नकली दवाई, इसे तैयार करने वाली मशीन एवं मोबाइल आदि जब्त किये गए हैं.
DCP मोनिका भारद्वाज के अनुसार, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में तैनात हवलदार विनोद को सूचना मिली कि कुछ लोग कैंसर की नकली दवाइयां बेच रहे हैं. वह दवाई सप्लाई करने के लिए जसोल इलाके में आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी राजेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा और एसआई लिछमन की टीम ने दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोल विभाग को इसकी जानकारी दी. पुलिस टीम ड्रग्स कंट्रोल विभाग के साथ जसोला इलाके में पहुंची. कुछ देर बाद वहां पर स्कूटी सवार दो युवक आए और उन्होंने गाड़ी रोकी. इनके पास 2 कार्टून की पेटी थी. उसी दौरान एक पैदल शख्स उनके पास आया. यह तीनों जब एकत्रित हुए तो मुखबिर की निशानदेही पर छापा मारकर पुलिस टीम ने इन्हें पकड़ लिया.
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इनकी पहचान सद्दाम हुसैन उर्फ राजा अंसारी, सोनू चौधरी और अफसर अंसारी के रूप में की गई है. इनके पास मौजूद पेटी से दवा के 141 बॉक्स बरामद हुए हैं. पूछताछ में दवाओं से संबंधित कोई भी लाइसेंस वह नहीं देखा सके. ना ही उनके पास इसका कोई बिल था. इस बाबत क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया और तीनों की गिरफ्तारी की गई. इनकी निशानदेही पर एक अन्य आरोपी अमित दुआ को करनाल से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि अमित दुआ के साथ मिलकर वह करनाल में ही इन दवाइयों को तैयार करते हैं. इस फैक्ट्री से दवा तैयार करने वाली मशीनें भी जब्त हुई हैं.
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आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि जान बचाने में इस्तेमाल होने वाली कैंसर की दवाइयां भारत मे बेहद ही महंगी होती हैं. यह दवाइयां बांग्लादेश में काफी सस्ती हैं. यह दवाइयां बांग्लादेश से आसानी से आ सकती हैं. बाजार में इन दवाइयों की काफी मांग भी रहती हैं. इसलिए वह बांग्लादेश की नकली दवाइयां बना रहे थे. इसके जरिए वह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे. आरोपियों के पास से इन नकली दवाइयों के अलावा खाली बॉक्स, प्रिंटिंग मशीन, दवाई तैयार करने वाली मशीन, 5 मोबाइल आदि बरामद किए गए हैं.
गिरफ्तार किया गया सद्दाम हुसैन इस गैंग का सरगना है. उसने बेंगलुरु से M फार्मा का कोर्स किया हुआ है. दूसरा आरोपी सोनू चौधरी बिहार से ग्रेजुएट है और वह अकाउंट का काम संभालता है. दवा के लिए रॉ मैटेरियल लाना भी उसकी जिम्मेदारी है. तीसरा आरोपी अफसर अंसारी 12वीं कक्षा तक पढ़ा है और वह इन दवाइयों को सप्लाई करने का काम करता है. चौथा आरोपी अमित दुआ एक अधिवक्ता है और उसने यह नकली फैक्ट्री लगा रखी थी. पुलिस इनके द्वारा सप्लाई की गई नकली दवाइयों को लेकर छापेमारी कर रही है. पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि इस गैंग से कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं.