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संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी नीलम को एफआईआर की कॉपी देने के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Parliament security breach case: दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा में चूक मामले में आरोपी नीलम को एफआईआर की कॉपी देने के निचली अदालत के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

Parliament security breach case
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 22, 2023, 11:34 AM IST

Updated : Dec 22, 2023, 5:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम आजाद को एफआईआर की प्रति उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने आरोपी नीलम आजाद को नोटिस जारी कर 4 जनवरी, 2024 तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार दोपहर बाद सुनवाई करने का आदेश दिया था.

दरअसल 21 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को यह आदेश दिया था कि वो संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. यह आदेश एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि जब तक आरोपी पुलिस हिरासत में हैं, वे कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं. कोर्ट ने आरोपी नीलम को परिजनों और वकील से हर दूसरे दिन 15 मिनट के लिए मुलाकात की अनुमति दी थी. हालांकि यह भी कहा गया था कि मुलाकात के दौरान जांच अधिकारी मौजूद रहेंगे, लेकिन बात न सुनाई देने की उचित दूरी पर ही रहेंगे.

वहीं सुनवाई के दौरान आरोपी नीलम के वकील ने कहा था कि हमारा कानूनी अधिकार है कि वकील और परिवार को मिलने दिया जाए. परिवार को ये जानने का अधिकार है कि उसके खिलाफ आरोप क्या दर्ज किया गया है. इसके लिए एफआईआर की प्रति जरूरी है. इसपर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामला संवेदनशील है और आतंकवाद से जुड़ा है. इसलिए इसमें गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है.

इससे पहले 13 दिसंबर को आरोपी नीलम को संसद के बाहर नारा लगाते हुए चार आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें 14 दिसंबर को पुलिस हिरासत में भेजा गया था. शुक्रवार को कोर्ट ने नीलम समेत चार आरोपियों की पुलिस हिरासत 15 दिन के लिए बढ़ा दी है. इनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

ये भी पढ़े: दिल्ली रवाना होने से पहले ममता बोलीं- संसद की सुरक्षा में चूक गंभीर मामला

यह है मामला: बता दें कि 13 दिसंबर को संसद भवन की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे थे, जिसके बाद एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चढ़कर अपने जूतों से कुछ निकाला था, जिसके बाद पीले रंग का धुआं निकलने लगा था. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई थी, लेकिन इस बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया था. वहीं संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए थे, जो नारेबाजी करते हुए पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

ये भी पढ़े: संसद की सुरक्षा में चूक ; चार राज्यों के चार युवा कैसे आए एक साथ, लखनऊ के सागर की कहानी ने खोले राज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम आजाद को एफआईआर की प्रति उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने आरोपी नीलम आजाद को नोटिस जारी कर 4 जनवरी, 2024 तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार दोपहर बाद सुनवाई करने का आदेश दिया था.

दरअसल 21 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को यह आदेश दिया था कि वो संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. यह आदेश एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि जब तक आरोपी पुलिस हिरासत में हैं, वे कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं. कोर्ट ने आरोपी नीलम को परिजनों और वकील से हर दूसरे दिन 15 मिनट के लिए मुलाकात की अनुमति दी थी. हालांकि यह भी कहा गया था कि मुलाकात के दौरान जांच अधिकारी मौजूद रहेंगे, लेकिन बात न सुनाई देने की उचित दूरी पर ही रहेंगे.

वहीं सुनवाई के दौरान आरोपी नीलम के वकील ने कहा था कि हमारा कानूनी अधिकार है कि वकील और परिवार को मिलने दिया जाए. परिवार को ये जानने का अधिकार है कि उसके खिलाफ आरोप क्या दर्ज किया गया है. इसके लिए एफआईआर की प्रति जरूरी है. इसपर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामला संवेदनशील है और आतंकवाद से जुड़ा है. इसलिए इसमें गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है.

इससे पहले 13 दिसंबर को आरोपी नीलम को संसद के बाहर नारा लगाते हुए चार आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें 14 दिसंबर को पुलिस हिरासत में भेजा गया था. शुक्रवार को कोर्ट ने नीलम समेत चार आरोपियों की पुलिस हिरासत 15 दिन के लिए बढ़ा दी है. इनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

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यह है मामला: बता दें कि 13 दिसंबर को संसद भवन की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे थे, जिसके बाद एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चढ़कर अपने जूतों से कुछ निकाला था, जिसके बाद पीले रंग का धुआं निकलने लगा था. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई थी, लेकिन इस बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया था. वहीं संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए थे, जो नारेबाजी करते हुए पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

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Last Updated : Dec 22, 2023, 5:45 PM IST
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