नई दिल्ली: दिल्ली दंगे (Delhi riots) के मामले में UAPA Act के तहत गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को हाई कोर्ट से मिली जमानत दिल्ली पुलिस को रास नहीं आ रही है. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से दी गई जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है. सूत्रों का कहना है कि अगले 2 से 3 दिनों में इस जमानत के विरोध में दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में लगभग एक साल पहले नताशा निरवाल, देवांगन कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को गिरफ्तार किया था. लगभग एक साल से यूएपीए एक्ट के मामले में तीनों जेल में बंद हैं. उन्होंने हाईकोर्ट में अपनी नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
740 गवाहों की गवाही तक जेल में रखना चाहती है दिल्ली पुलिस
इस मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि अभी 740 गवाहों की गवाही इस मामले में होनी है. ऐसे में इन्हें जमानत देना ठीक नहीं होगा. वहीं हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि 740 गवाहों की गवाही होने तक इन आरोपियों को जेल में नहीं रखा जा सकता. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट जा सकती है दिल्ली पुलिस
हाईकोर्ट द्वारा इन तीनों आरोपियों को जमानत दिए जाने के फैसले से दिल्ली पुलिस संतुष्ट नहीं है. दिल्ली पुलिस इन तीनों आरोपियों को फिलहाल जेल में रखने के पक्ष में थी. यही वजह है कि इस फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है. दंगों के इस मामले में कुल 18 लोगों को स्पेशल सेल ने आरोपी बनाया हुआ है, जिनमें से सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है. फिलहाल इन तीनों आरोपियों को जमानत मिली है, जिसका विरोध दिल्ली पुलिस करना चाहती है.