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वित्त मंत्रालय के अधिकारी बनकर बीमा कंपनियों से लेते थे डाटा, फिर निवेशकों को बनाते थे शिकार

दिल्ली पुलिस ने वित्त मंत्रालय का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है. यह लोग वित्त मंत्रालय के अधिकारी बनकर बीमा कंपनियों से डाटा लेते थे और फिर निवेशकों और बीमा धारकों को अलग-अलग लाभ और बोनस देने के बहाने ठगी का शिकार बनाते थे. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

वित्त मंत्रालय के अधिकारी बनकर बीमा कंपनियों से लेते थे डाटा, डाटा के जरिए निवेशकों को बनाते थे शिकार
वित्त मंत्रालय के अधिकारी बनकर बीमा कंपनियों से लेते थे डाटा, डाटा के जरिए निवेशकों को बनाते थे शिकार
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Published : Dec 13, 2022, 7:53 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 8:08 PM IST

पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वित्त मंत्रालय का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. आरोपी खुद को वित्त मंत्रालय का अधिकारी बताते और प्रमाण के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हस्ताक्षरित आई कार्ड भी प्रस्तुत करते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 3,000 से अधिक निवेशकों का डाटा बरामद किया है. आरोपियों की पहचान मेहताब आलम, सरताज, मोहम्मद जुनेद और दीन मोहम्मद के रूप में की गई है. इनके पास से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, कई बैंकों के एटीएम कार्ड और पासबुक के साथ-साथ पीड़ितों के साथ की गई बातचीत का रिकॉर्ड पुलिस ने जब्त किया है.

स्पेशल सेल के IFSO ब्रांच के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि आरोपियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त सचिव और आरबीआई के गवर्नर तक के हस्ताक्षरित आई कार्ड बना रखे थे. आरोपी नकली कार्ड के जरिए बीमा कंपनियों से संपर्क करते और उनसे निवेशकों और बीमा धारकों की निजी जानकारियां ले लेते थे. इन जानकारियों के जरिए वह निवेशकों और बीमा धारकों को अलग-अलग लाभ और बोनस देने के बहाने ठगी का शिकार बनाते थे.

मामला संज्ञान में तब आया जब एक व्यक्ति ने वित्त मंत्रालय को शिकायत कर जानकारी दी कि आरोपियों ने उसे एक करोड़ बीस लाख का फर्जी चेक भेज कर करीब सवा लाख रुपए ठग लिए. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्पेशल सेल की IFSO ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की. इस दौरान सामने आया कि आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदलकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. लगातार दबिश और जानकारी के बाद पुलिस ने घटना के मुख्य किरदार महताब आलम को गिरफ्तार कर लिया. महताब आलम की निशानदेही पर अन्य तीनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अन्य पीड़ितों की जानकारी लेने का प्रयास कर रही है.

केवल 12वीं और बीकॉम पास हैं आरोपी

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि घटना में शामिल महताब आलम सबसे अधिक पढ़ा लिखा है. वह भी बीकॉम पास है, जबकि अन्य तीनों आरोपी केवल 12वीं पास हैं, लेकिन वह अंग्रेजी बोलने में सक्षम हैं. सभी आरोपी अलग-अलग टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों में काम कर चुके हैं, इसलिए वह अंग्रेजी बोलने में दक्ष हैं और लोगों से जानकारी एकत्र कर सकते हैं.

सैकड़ों को ठगा, कई हजार लोगों का डाटा किया एकत्र

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी अब तक 200 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने आरोपियों से 3000 से अधिक लोगों निजी जानकारियां और पॉलिसी से संबंधित जानकारियां जब्त की हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी अभी और डाटा एकत्र कर लोगों से ठगी की योजना बना रहे थे.

पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वित्त मंत्रालय का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. आरोपी खुद को वित्त मंत्रालय का अधिकारी बताते और प्रमाण के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हस्ताक्षरित आई कार्ड भी प्रस्तुत करते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 3,000 से अधिक निवेशकों का डाटा बरामद किया है. आरोपियों की पहचान मेहताब आलम, सरताज, मोहम्मद जुनेद और दीन मोहम्मद के रूप में की गई है. इनके पास से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, कई बैंकों के एटीएम कार्ड और पासबुक के साथ-साथ पीड़ितों के साथ की गई बातचीत का रिकॉर्ड पुलिस ने जब्त किया है.

स्पेशल सेल के IFSO ब्रांच के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि आरोपियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त सचिव और आरबीआई के गवर्नर तक के हस्ताक्षरित आई कार्ड बना रखे थे. आरोपी नकली कार्ड के जरिए बीमा कंपनियों से संपर्क करते और उनसे निवेशकों और बीमा धारकों की निजी जानकारियां ले लेते थे. इन जानकारियों के जरिए वह निवेशकों और बीमा धारकों को अलग-अलग लाभ और बोनस देने के बहाने ठगी का शिकार बनाते थे.

मामला संज्ञान में तब आया जब एक व्यक्ति ने वित्त मंत्रालय को शिकायत कर जानकारी दी कि आरोपियों ने उसे एक करोड़ बीस लाख का फर्जी चेक भेज कर करीब सवा लाख रुपए ठग लिए. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्पेशल सेल की IFSO ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की. इस दौरान सामने आया कि आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदलकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. लगातार दबिश और जानकारी के बाद पुलिस ने घटना के मुख्य किरदार महताब आलम को गिरफ्तार कर लिया. महताब आलम की निशानदेही पर अन्य तीनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अन्य पीड़ितों की जानकारी लेने का प्रयास कर रही है.

केवल 12वीं और बीकॉम पास हैं आरोपी

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि घटना में शामिल महताब आलम सबसे अधिक पढ़ा लिखा है. वह भी बीकॉम पास है, जबकि अन्य तीनों आरोपी केवल 12वीं पास हैं, लेकिन वह अंग्रेजी बोलने में सक्षम हैं. सभी आरोपी अलग-अलग टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों में काम कर चुके हैं, इसलिए वह अंग्रेजी बोलने में दक्ष हैं और लोगों से जानकारी एकत्र कर सकते हैं.

सैकड़ों को ठगा, कई हजार लोगों का डाटा किया एकत्र

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी अब तक 200 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने आरोपियों से 3000 से अधिक लोगों निजी जानकारियां और पॉलिसी से संबंधित जानकारियां जब्त की हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी अभी और डाटा एकत्र कर लोगों से ठगी की योजना बना रहे थे.

Last Updated : Dec 13, 2022, 8:08 PM IST
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