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आफत बना प्रदूषण: NCR में Pollution का लेवल हाई, यहाँ चेक करें अपने इलाके का AQI - प्रदूषण का स्तर Red Zone में

दिल्ली और एनसीआर (New Capital Region) में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर Red Zone में ही रहा. कुल मिलाकर एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) के हिसाब से आंकड़ा 300 के के पार ही रहा.

आफत बना प्रदूषण
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Published : Jan 5, 2023, 11:15 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का प्रदूषण रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित नेहरू नगर है, यहां का AQI 409 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है. नोएडा और गाजियाबाद का AQI भी RED ZONE में है.

दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर320
शादीपुर 332
डीटीयू दिल्ली306
आईटीओ दिल्ली384
सिरी फोर्ट346
मंदिर मार्ग 351
आरके पुरम371
पंजाबी बाग361
लोधी रोड278
नॉर्थ कैंपस डीयू324
CRRI मथुरा रोड296
पूसा294
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल317
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 339
नेहरू नगर387
द्वारका सेक्टर 8366
पटपड़गंज377
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज390
अशोक विहार336
सोनिया विहार 339
जहांगीरपुरी 377
रोहिणी357
विवेक विहार381
नजफगढ़ 280
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम363
नरेला 360
ओखला फेस टू353
बवाना 337
श्री औरबिंदो मार्ग NA
मुंडका377
आनंद विहार 401
IHBAS दिलशाद गार्डन272
चांदनी चौक 292

गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 367
इंदिरापुरम 301
संजय नगर260
लोनी 383

नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62356
सेक्टर 125260
सेक्टर 1316
सेक्टर 116365

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का प्रदूषण रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित नेहरू नगर है, यहां का AQI 409 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है. नोएडा और गाजियाबाद का AQI भी RED ZONE में है.

दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर320
शादीपुर 332
डीटीयू दिल्ली306
आईटीओ दिल्ली384
सिरी फोर्ट346
मंदिर मार्ग 351
आरके पुरम371
पंजाबी बाग361
लोधी रोड278
नॉर्थ कैंपस डीयू324
CRRI मथुरा रोड296
पूसा294
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल317
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 339
नेहरू नगर387
द्वारका सेक्टर 8366
पटपड़गंज377
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज390
अशोक विहार336
सोनिया विहार 339
जहांगीरपुरी 377
रोहिणी357
विवेक विहार381
नजफगढ़ 280
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम363
नरेला 360
ओखला फेस टू353
बवाना 337
श्री औरबिंदो मार्ग NA
मुंडका377
आनंद विहार 401
IHBAS दिलशाद गार्डन272
चांदनी चौक 292

गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 367
इंदिरापुरम 301
संजय नगर260
लोनी 383

नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62356
सेक्टर 125260
सेक्टर 1316
सेक्टर 116365

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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