नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से रोकथाम को लेकर तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. बुधवार को एमसीडी ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर विंटर एक्शन प्लान लागू कर दिया. मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा दिल्ली सरकार के तर्ज पर एमसीडी में भी पहली बार विंटर एक्शन प्लान को लागू किया गया है. सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशानुसार हमारी टीमें दिल्ली के कोने-कोने में जाकर यह जांच कर रही है कि कहीं ओपन बर्निंग ना हो. यह त्यौहारों का समय है, आप पटाखे ना जलाएं और कूड़े को तय स्थल पर ही डाले.
ओपन बर्निंग पर निगरानी: मेयर ने प्लान लागू करते हुए कहा कि ओपन बर्निंग की दिन-रात कड़ी निगरानी की जाएगी. ओपन बर्निंग की दिन में निगरानी के लिए 175 और रात में निगरानी के लिए 124 टीमों का गठन किया गया है. कोशिश होगी की कहीं ओपन बर्निंग ना हो. मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि निर्माण गतिविधियां और खुले में कूड़ा जलाना प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं. कंस्ट्रक्शन वर्क से जगह-जगह धूल उड़ती है, जिससे प्रदूषण ज्यादा फैलता है. प्रदूषण का दूसरा बड़ा कारण सॉलिड वेस्ट है. कूड़े को खुले में जलाने से काफी प्रदूषण होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए एमसीडी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
ओपन बर्निंग की निगरानी के लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा सर्विलांस टीम बनाई गईं है. ये टीमें ओपन बर्निंग को रोकने के लिए दिन-रात गश्त कर रही है. दिन में निगरानी करने वाली टीम में करीब 250 लोगों को तैनात किया गया है। ये लोग दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जाकर इंस्पेक्शन कर रहे हैं ताकि ओपन बर्निंग को रोका जा सके. वहीं रात में निगरानी करने वाली टीम में 316 लोगों को लगाया गया है. ये लोग रात के समय दिल्ली में बड़ी व छोटी सड़कों पर जाकर निगरानी कर रहे हैं.
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जनता कर रही मदद: मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक ओपन बर्निंग को लेकर कोई चालान नहीं काटा. इन टीमों ने दिन रात काम किया है और अभी भी काम कर रहे हैं. सबसे अच्छी बात है हमारे 13 हॉटस्पॉट क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. पिछले तीन-चार दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट आई है, दिल्ली की जनता भी हमारा साथ दे रही है. दिल्ली की जनता प्रदूषण की गंभीरता को समझ रही है. उनके सहयोग के चलते ही तीन चार दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. मेरा निवेदन है कि जनता हमारा ऐसे ही साथ देती रहे. मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि यह त्यौहारों का समय है. आप पटाखे ना जलाएं, कूड़े को तय स्थल पर ही डालें, ताकि हम उसे पृथकीकृत कर लैंडफिल पर ले जाएं. ऐसा कूड़ा जो लैंडफिल पर नहीं जाएगा, उसे वेस्ट टू एनर्जी ले जाया जाएगा और उसे रिसाइकल करके हम अन्य प्रोडक्ट बना सकेंगे.
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