नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में मेयर चुनाव को लेकर 6 फरवरी को तीसरी बार सत्र बुलाया गया है. जिसका आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ने स्वागत किया है. हालांकि, इससे पहले बुलाए गए दो सत्रों का जो हश्र हुआ वही संभावना अभी भी बनी हुई है और दोनों पार्टियां अभी भी एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. AAP का कहना है कि मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव नियमों का पालन नहीं हुआ तो वो चुप नहीं रहेगी और वह असंवैधानिक कार्य नहीं होने देगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी के मेयर पद के चुनाव को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा वाले बताएंगे कि वे चुनाव होने देंगे या नहीं होने देंगे. हर बार भाजपा वाले ही चुनाव को रुकते हैं. हम तो चुनाव कराना चाहते हैं. पिछली बार हम सबने देखा कि भाजपा के लोग जानबूझकर शोर कर रहे थे. अब उनको मान लेना चाहिए कि वे चुनाव हार गए हैं. वे जैसे राज्यों में करते हैं. राज्यों में चुनाव हार जाते हैं लेकिन फिर भी सरकार उनकी ही बनती है. वे खरीद-फरोख्त कर लेते हैं. भाजपा हमारे पार्षदों की खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रही हैं, तो सदन ही नहीं चलने दे रहे हैं और मेयर का चुनाव ही नहीं होने दे रहे हैं.
AAP के पार्षद एकजुट नहींः बीजेपी का कहना है कि आम आदमी पार्टी जानबूझकर मेयर चुनाव को टालना चाहती है, क्योंकि उन्हें अपने पार्षदों की एकजुटता पर भरोसा ही नहीं है. ऐसे में दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि बीजेपी उपराज्यपाल द्वारा मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव के लिए 6 फरवरी की तारीख तय करने का स्वागत करती है, लेकिन हमें डर है कि आम आदमी पार्टी इस बार भी चुनाव नहीं होने देगी.
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद पर दो नामांकन होने और उसके बाद 6 और 24 जनवरी की नगर निगम बैठकों में उनके द्वारा किए गए हंगामे के बाद यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी पार्षद दल में मतभेद है. आम आदमी पार्टी नेतृत्व को बहुमत पर विश्वास नहीं है और इसीलिए उन्होंने निगम की दो बैठकों में अपने विधायकों को आगे कर हंगामा करवाया था और मेयर चुनाव को टाला था. वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मेयर चुनाव की तारीख का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत के बावजूद बीजेपी इस बात की लगातार साजिशें कर रही है कि मेयर आम आदमी पार्टी का ना बन पाए. हालांकि उम्मीद है कि संविधान की मर्यादा का सम्मान करते हुए बीजेपी इस बार मेयर का चुनाव सकुशल होने देगी.
ये भी पढ़ें: चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज डीडीयू के प्रोफेसरों ने किया धरना प्रदर्शन, क्लासेज बंद
दो बार स्थगित हो चुकी दिल्ली नगर निगम की बैठकः दिल्ली नगर निगम की बैठक हंगामे की वजह से दो बार स्थगित हो चुकी हैं. पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी, जिससे इसमें जमकर हंगामा हुआ था. उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा को लेकर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई थी और मनोनीत निगम पार्षदों को पहले शपथ कराने का भी विरोध दर्ज किया था, जिससे बैठक में हंगामा हुआ था और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. इसके बाद 24 जनवरी को बैठक बुलाई गई तो पीठासीन अधिकारी ने एक बार फिर मनोनीत निगम पार्षदों को पहले शपथ के लिए बुलाया जिसका आम आदमी पार्टी ने विरोध किया था, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह चलता रहा और मनोनीत निगम पार्षद और निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण संपन्न हो गया. वहीं, जब मेयर चुनाव के लिए तैयारी चल रही थी तब सदन में एक बार फिर हंगामा हुआ, जिससे पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था.
ये भी पढ़ें: Union Budget 2023: दिल्ली में एम्स को छोड़ केंद्र सरकार के बाकी सभी अस्पतालों की बजट में इजाफा