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जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद पर चलेगा राष्ट्रद्रोह का मुकदमा, एलजी ने दी मंजूरी - Delhi LG VK Saxena approves sedition case

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinay Kumar Saxena) ने जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी (Delhi LG VK Saxena approves sedition case). शेहला पर सेना के खिलाफ किए गए ट्वीट के मामले में अब उपराज्यपाल ने कार्रवाई करने को मंजूरी दी है.

Delhi LG VK Saxena approves sedition case
Delhi LG VK Saxena approves sedition case
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Published : Jan 10, 2023, 11:50 AM IST

Updated : Jan 10, 2023, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: शेहला राशिद पर अब राष्ट्रद्रोह का केस चलेगा. इस संबंध में राज्य सरकार के प्रस्ताव को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने मंजूरी दे दी है.

दरअसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद (former JNU student leader Shehla Rashid)) अपने विवादित बयानों से लगातार सुर्खियों में रही है. 18 अगस्त 2019 को शेहला ने भारतीय सेना को लेकर विवादित बयान दिये थे. इतना ही नहीं, एक के बाद एक कई ट्वीट कर भारतीय सेना के खिलाफ कश्मीरी लोगों पर अत्याचार करने के संगीन आरोप लगाए थे. इन ट्वीट्स के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शेहला के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज (sedition case against Shehla Rashid) किया था. भारतीय सेना ने शेहला के आरोपों को खारिज कर दिया था. तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. शेहला पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाए या नहीं, इस संबंध में सरकार द्वारा भेजी गई फाइल पर अब उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने को मंजूरी (Delhi LG VK Saxena approves sedition case) दे दी है.

फरवरी 2016 में जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगे थे. तब शेहला राशिद जेएनयू के उपाध्यक्ष थी और कन्हैया कुमार अध्यक्ष थे. देश विरोधी नारों के आरोप से घिरे कन्हैया को जेल तक जाना पड़ा था, लेकिन शेहला बची रही. वहीं, कन्हैया कुमार समेत विश्वविद्यालय में छात्रों पर आरोप लगने के बाद वह मुखर हो गई थी. पुलिस मुख्यालय से लेकर तमाम जगहों पर प्रदर्शन में वह शामिल रही थी. उसने कई मोर्चों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन करने के साथ विरोधी गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था. इसकी जांच अभी जारी है. शेहला राशिद ने जेएनयू से पढ़ाई खत्म करने के बाद एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियरिंग की. इसके बाद उसने बतौर इंजीनियर नौकरी भी की. नौकरी में रहने के दौरान जल्दी उसका मोहभंग हो गया. फिर वो राजनीति में भी आ गई. लेकिन यहां पर उसे कोई कामयाबी नहीं मिली.

वहीं इस तरह की असत्यापित और फर्जी खबरें फैलाकर असामाजिक तत्व और संगठन लोगों को भड़काने का काम करते हैं. इसके बाद वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला राशिद के सभी ट्वीट और भारतीय सेना के खंडन के संबंध में शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

गवर्मेंट ऑफ द नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली के गृह विभाग ने फाइल पर अपनी टिप्पणियों में कहा, 'सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाना एक गंभीर मुद्दा है. आपराधिक कानून के तहत हर ट्वीट पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में इस तरह के ट्वीट को जम्मू-कश्मीर में धार्मिक अशांति फैलाने के प्रयास में देखा जाना चाहिए. भारतीय दंड संहिता धारा 153 IPC की धारा 153 के मुताबिक, जो भी कोई अवैध बात करके किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से प्रकोपित करने के आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि ऐसे प्रकोपन के परिणामस्वरूप उपद्रव का अपराध हो सकता है.'

Delhi LG VK Saxena approves sedition case
शेहला राशिद पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को एलजी ने दे मंजूरी.

बता दें कि अगस्त 2019 में जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का बिल संसद में पास हुआ तो शेहला ने इसका जमकर विरोध किया था. जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद कई विवादित बयान दिए थे. वह जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर कई मंचों पर विरोध दर्ज दर्ज करा चुकी है.

ये भी पढ़ें: MCD में हंगामे का मामला: पीठासीन अधिकारी ने LG को सौंपी रिपोर्ट, सख्त कार्रवाई की सिफारिश

नई दिल्ली: शेहला राशिद पर अब राष्ट्रद्रोह का केस चलेगा. इस संबंध में राज्य सरकार के प्रस्ताव को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने मंजूरी दे दी है.

दरअसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद (former JNU student leader Shehla Rashid)) अपने विवादित बयानों से लगातार सुर्खियों में रही है. 18 अगस्त 2019 को शेहला ने भारतीय सेना को लेकर विवादित बयान दिये थे. इतना ही नहीं, एक के बाद एक कई ट्वीट कर भारतीय सेना के खिलाफ कश्मीरी लोगों पर अत्याचार करने के संगीन आरोप लगाए थे. इन ट्वीट्स के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शेहला के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज (sedition case against Shehla Rashid) किया था. भारतीय सेना ने शेहला के आरोपों को खारिज कर दिया था. तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. शेहला पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाए या नहीं, इस संबंध में सरकार द्वारा भेजी गई फाइल पर अब उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने को मंजूरी (Delhi LG VK Saxena approves sedition case) दे दी है.

फरवरी 2016 में जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगे थे. तब शेहला राशिद जेएनयू के उपाध्यक्ष थी और कन्हैया कुमार अध्यक्ष थे. देश विरोधी नारों के आरोप से घिरे कन्हैया को जेल तक जाना पड़ा था, लेकिन शेहला बची रही. वहीं, कन्हैया कुमार समेत विश्वविद्यालय में छात्रों पर आरोप लगने के बाद वह मुखर हो गई थी. पुलिस मुख्यालय से लेकर तमाम जगहों पर प्रदर्शन में वह शामिल रही थी. उसने कई मोर्चों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन करने के साथ विरोधी गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था. इसकी जांच अभी जारी है. शेहला राशिद ने जेएनयू से पढ़ाई खत्म करने के बाद एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियरिंग की. इसके बाद उसने बतौर इंजीनियर नौकरी भी की. नौकरी में रहने के दौरान जल्दी उसका मोहभंग हो गया. फिर वो राजनीति में भी आ गई. लेकिन यहां पर उसे कोई कामयाबी नहीं मिली.

वहीं इस तरह की असत्यापित और फर्जी खबरें फैलाकर असामाजिक तत्व और संगठन लोगों को भड़काने का काम करते हैं. इसके बाद वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला राशिद के सभी ट्वीट और भारतीय सेना के खंडन के संबंध में शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

गवर्मेंट ऑफ द नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली के गृह विभाग ने फाइल पर अपनी टिप्पणियों में कहा, 'सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाना एक गंभीर मुद्दा है. आपराधिक कानून के तहत हर ट्वीट पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में इस तरह के ट्वीट को जम्मू-कश्मीर में धार्मिक अशांति फैलाने के प्रयास में देखा जाना चाहिए. भारतीय दंड संहिता धारा 153 IPC की धारा 153 के मुताबिक, जो भी कोई अवैध बात करके किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से प्रकोपित करने के आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि ऐसे प्रकोपन के परिणामस्वरूप उपद्रव का अपराध हो सकता है.'

Delhi LG VK Saxena approves sedition case
शेहला राशिद पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को एलजी ने दे मंजूरी.

बता दें कि अगस्त 2019 में जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का बिल संसद में पास हुआ तो शेहला ने इसका जमकर विरोध किया था. जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद कई विवादित बयान दिए थे. वह जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर कई मंचों पर विरोध दर्ज दर्ज करा चुकी है.

ये भी पढ़ें: MCD में हंगामे का मामला: पीठासीन अधिकारी ने LG को सौंपी रिपोर्ट, सख्त कार्रवाई की सिफारिश

Last Updated : Jan 10, 2023, 2:27 PM IST
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