नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की लाख कशिशों के बावजूद दिल्ली में कोरोना संकट बना हुआ है और पॉजिटिविटी रेट 32% से ऊपर चल रहा है. ऑक्सीजन का संकट बना हुआ है, बेड्स की भी किल्लत है.अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं, जिसके चलते लॉकडाउन और आगे बढ़ाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
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ऑक्सीजन संकट
ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल में कोरोना बेड्स कम किये जा रहे हैं. राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल में पिछले 2 दिनों में 650 से घटाकर 350 बेड्स कर दिए गए हैं.दिल्ली कोरोना app पर भी बेड्स की संख्या घटा दी गयी है.
रिकॉर्ड मौत
शनिवार को बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 357 कोरोना मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद लगातार अस्पताल प्रशासन सरकार से ऑक्सीजन की गुहार लगा रही है.
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गंगा राम अस्पताल को 5 टन ऑक्सीजन
इस बीच आज सुबह सर गंगाराम अस्पताल को 5 टन ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई है, बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की ये खेप 11 से 12 घंटे तक ये खेप चलेगी.
पेंटामेड अस्पताल में ऑक्सीजन किल्लत
मॉडल टाउन के पेंटामेड अस्पताल के मैनेजर दीपक सेठी ने बताया कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन का प्रबंध नहीं हो रहा है. उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार से ऑक्सीजन मुहैया कराने की अपील की है. यहां मात्र कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन बचा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
ऑक्सीजन शॉर्टेज पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली को कोटे से ज्यादा ऑक्सीजन अलॉट किया गया है. अब राज्य सरकार को अस्पतालों को ऑक्सीजन का डिस्ट्रीब्यूट करना है.
बत्रा हॉस्पिटल
वहीं बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने कहा कोर्ट के आदेश बाद भी मात्र 500 किलो ऑक्सीजन मिली, जो कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के हिसाब कुछ भी नहीं है.
हाई कोर्ट की फटकार
बता दें कि शुक्रवार शाम जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 21 मरीजों की मौत के बाद हड़कंप मंच गया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाए थे.
तारीख बताइए
शनिवार को चार अस्पतालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार फटकार भी लगाई थी. हाई कोर्ट ने केंद्र से सख्त लहजे में कहा कि हम एक निश्चित तारीख चाहते हैं कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कब तक मिलना शुरू होगा.
हकीकत!
बहरहाल, ऑक्सीजन आपातकाल से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' शुरू की है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस यानी ऑक्सीजन टैंकर लेकर ट्रेनें वहां पहुंच रही हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना मिलिट्री स्टेशनों से ऑक्सीजन भी एयरलिफ्ट कर रही है. सरकार 50 हजार टन लिक्विड ऑक्सीजन के आयात की भी योजना बना रही है. सुनवाई और एक्शन के बीच फिलहाल हकीकत यही है कि विश्व के सबसे बड़े ऑक्सीजन उत्पादक देश में लोग ऑक्सीजन के बिना ही दम तोड़ रहे हैं.
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