नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा गया था कि दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है और कोर्ट के रिकॉर्ड में काफी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं.
14 जनवरी को सीबीआई की ओर से एएसजी संजय जैन ने जैसे ही दलीलें रखनी शुरू की, आरोपियों की ओर से वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है. बहुत सारे दस्तावेज कोर्ट के रिकॉर्ड में नहीं हैं.
पढ़ें- कोरोना से निपटने में दिल्ली सरकार की कोशिशों को हाईकोर्ट ने सराहा
अग्रवाल ने पिछली बेंच के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि कोर्ट को सभी प्रासंगिक तथ्यों और गवाहों के बयानों पर गौर करना चाहिए. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि आप कहना क्या चाहते हैं?
आरोपियों के वकील विजय अग्रवाल ने कहा-
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में सारी चीजें मौजूद नहीं हैं. इस मामले पर फैसला ही 1552 पेजों का है. गवाहों के बयान के अलावा सरकारी दस्तावेजों की संख्या हजारों में है. कोर्ट को मूल दस्तावेज देखने चाहिए. कोर्ट के रिकॉर्ड में 6500 पेज उपलब्ध ही नहीं हैं. इतने सारे दस्तावेजों को देखना वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संभव नहीं है.
इस पर जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा था कि हमने भी इस केस को आज देखा है. अगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिक्कत होगी, तो मैं बताऊंगा. वैसे भी कोर्ट खुलने में अब ज्यादा समय नहीं है.