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CM केजरीवाल की पत्नी को बड़ी राहत! समन पर लगी रोक, जानिए क्या है मामला

तीस हजारी कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त, 2023 को सुनीता केजरीवाल को समन जारी किया था. फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है. Delhi HC Stays Summons Issued To Sunita kejriwal

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 6, 2023, 1:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दो वोटर आईडी रखने के मामले में CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से जारी समन पर रोक लगा दी. यह मामला भाजपा नेता हरीश खुराना की शिकायत पर दर्ज किया गया था. तीस हजारी कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त, 2023 को सुनीता केजरीवाल को समन जारी किया था. आज दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस अमित बंसल ने आदेश पारित किया और कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक एक फरवरी, 2024 तक लागू रहेगी.

क्या है पूरा मामला?

खुराना ने 2019 में सुनीता केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह दिल्ली के साहिबाबाद. (गाजियाबाद निर्वाचन क्षेत्र) और चांदनी चौक की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन है. यह कहा गया था कि वह अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराधों के लिए भी दंडित की जा सकती हैं, जो झूठी घोषणाएं करने से संबंधित है. समन जारी करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुनीता केजरीवाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं और उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, अपराध तभी बनता है जब कोई व्यक्ति गलत घोषणा प्रस्तुत करता है और इस मामले में, खुराना ने रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं रखा है जो साबित करता हो कि झूठी घोषणा की गई. जॉन ने तर्क दिया कि समन बिना उचित सोच-विचार के जारी किया गया था. यह एक निजी शिकायत है. जॉन ने कहा कि मजिस्ट्रेट, समन जारी करने से पहले कम से कम चुनाव आयोग से जांच कर सकते थे. इस बीच, राज्य की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि शिकायत पर समयसीमा लागू नहीं है. अदालत ने दलील पर विचार करने के बाद ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दो वोटर आईडी रखने के मामले में CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से जारी समन पर रोक लगा दी. यह मामला भाजपा नेता हरीश खुराना की शिकायत पर दर्ज किया गया था. तीस हजारी कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त, 2023 को सुनीता केजरीवाल को समन जारी किया था. आज दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस अमित बंसल ने आदेश पारित किया और कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक एक फरवरी, 2024 तक लागू रहेगी.

क्या है पूरा मामला?

खुराना ने 2019 में सुनीता केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह दिल्ली के साहिबाबाद. (गाजियाबाद निर्वाचन क्षेत्र) और चांदनी चौक की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन है. यह कहा गया था कि वह अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराधों के लिए भी दंडित की जा सकती हैं, जो झूठी घोषणाएं करने से संबंधित है. समन जारी करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुनीता केजरीवाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं और उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, अपराध तभी बनता है जब कोई व्यक्ति गलत घोषणा प्रस्तुत करता है और इस मामले में, खुराना ने रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं रखा है जो साबित करता हो कि झूठी घोषणा की गई. जॉन ने तर्क दिया कि समन बिना उचित सोच-विचार के जारी किया गया था. यह एक निजी शिकायत है. जॉन ने कहा कि मजिस्ट्रेट, समन जारी करने से पहले कम से कम चुनाव आयोग से जांच कर सकते थे. इस बीच, राज्य की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि शिकायत पर समयसीमा लागू नहीं है. अदालत ने दलील पर विचार करने के बाद ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.

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