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Mughal Masjid: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के खिलाफ केंद्र और ASI से मांगा जवाब - अधिवक्ता एम सुफियान अली

महरौली की मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के मामले पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को नोटिस जारी किया है. इसमें दोनों से जवाब मांगा गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Apr 11, 2023, 8:09 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने महरौली की मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कोर्ट ने केंद्र सरकार और एएसआई दोनों से जवाब मांगा है. याचिका में लंबित मामले के जल्द निस्तारण की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता एम सुफियान अली ने बताया कि यह मामला काफी समय से कोर्ट में लंबित है. जिसे 27 अप्रैल को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में सूचीबद्ध किया गया है. सिद्दीकी ने कहा कि मामला तात्कालिकता से जुड़ा है, क्योंकि इस समय इस्लाम धर्म का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है. जल्दी ही मुस्लिम समाज के लोग ईद उल फितर पर अपने रोजे खत्म करेंगे. इस मौके पर लोग मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमित मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

मई 2022 में ASI ने लगाया था रोकः सिद्दीकी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट जस्टिस ओहरी ने कहा कि इस मामले में नोटिस जारी कर रहे हैं. साथ ही इसे सुनवाई के लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया है. याचिका में बताया गया है कि विगत 13 मई 2022 को एएसआई के अधिकारियों ने बिना किसी नोटिस के दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने पिछले साल ही दिल्ली हाई कोर्ट में इस पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की थी.

यह भी पढ़ेंः सिख दंगों को लेकर कांग्रेस पर बीजेपी का वार, कहा- कत्लेआम के सीधे दोषी हैं टाइटलर

याचिका में आवेदक ने कोर्ट से रमजान के दौरान मस्जिद में नमाज की अनुमित देने की मांग की है. इससे पहले केंद्र ने कहा था कि कुतुब परिसर में मुगल मस्जिद एक संरक्षित स्मारक है. याचिकाकर्ता के वकील सूफियान ने केंद्र सरकार के वकील द्वारा दाखिला किए गए सबमिशन पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि मुगल मस्जिद अधिसूचना के दायरे में नहीं आती है. याचिका में यह भी कहा गया है कि यह 16 अप्रैल 1970 की अधिसूचना द्वारा विधिवत राजपत्र वक्फ संपत्ति है. इसमें विधिवत रूप से नियुक्त इमाम और मोअजिन हैं.

यह भी पढ़ेंः राष्ट्रीय पार्टी बनने पर देशभर में पद यात्राएं निकालेगी AAP, लोगों को आप से जुड़ने की करेंगे अपील

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने महरौली की मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कोर्ट ने केंद्र सरकार और एएसआई दोनों से जवाब मांगा है. याचिका में लंबित मामले के जल्द निस्तारण की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता एम सुफियान अली ने बताया कि यह मामला काफी समय से कोर्ट में लंबित है. जिसे 27 अप्रैल को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में सूचीबद्ध किया गया है. सिद्दीकी ने कहा कि मामला तात्कालिकता से जुड़ा है, क्योंकि इस समय इस्लाम धर्म का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है. जल्दी ही मुस्लिम समाज के लोग ईद उल फितर पर अपने रोजे खत्म करेंगे. इस मौके पर लोग मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमित मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

मई 2022 में ASI ने लगाया था रोकः सिद्दीकी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट जस्टिस ओहरी ने कहा कि इस मामले में नोटिस जारी कर रहे हैं. साथ ही इसे सुनवाई के लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया है. याचिका में बताया गया है कि विगत 13 मई 2022 को एएसआई के अधिकारियों ने बिना किसी नोटिस के दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने पिछले साल ही दिल्ली हाई कोर्ट में इस पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की थी.

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याचिका में आवेदक ने कोर्ट से रमजान के दौरान मस्जिद में नमाज की अनुमित देने की मांग की है. इससे पहले केंद्र ने कहा था कि कुतुब परिसर में मुगल मस्जिद एक संरक्षित स्मारक है. याचिकाकर्ता के वकील सूफियान ने केंद्र सरकार के वकील द्वारा दाखिला किए गए सबमिशन पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि मुगल मस्जिद अधिसूचना के दायरे में नहीं आती है. याचिका में यह भी कहा गया है कि यह 16 अप्रैल 1970 की अधिसूचना द्वारा विधिवत राजपत्र वक्फ संपत्ति है. इसमें विधिवत रूप से नियुक्त इमाम और मोअजिन हैं.

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