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सुप्रीम कोर्ट के ऑक्सीजन पर आदेशों का पालन कराना हमारी प्रतिबद्धता है: दिल्ली हाई कोर्ट

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Published : May 3, 2021, 10:20 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह यह कहकर ऑक्सीजन की सप्लाई से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आदेश जारी कर दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो ये कहकर ऑक्सीजन की सप्लाई से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आदेश जारी कर दिया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पारित करने से कुछ नहीं होगा. हम सभी को उसे लागू करना होगा.


SC के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है हाई कोर्ट
दरअसल सुनवाई के दौरान चेतन शर्मा ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है. इसलिए इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में ही सुनवाई होनी चाहिए. ताकि आदेशों में कोई दोहराव न हो. कोर्ट ने चेतन शर्मा से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन पर राज्य सरकारों के सहयोग पर विचार किया है, लेकिन अस्पतालों में बेडों की उपलब्धता पर कुछ नहीं कहा है. कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

ये भी पढ़ें- CM केजरीवाल ने की होम आइसोलेशन पर समीक्षा बैठक, दिए जरूरी निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि कोर्ट केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की सप्लाई संबंधी आदेशों का पालन करने का निर्देश दे. तब चेतन शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करवाने के लिए नहीं कहा जा सकता है. तब कोर्ट ने चेतन शर्मा से कहा कि पहले आप केंद्र सरकार से ये निर्देश लेकर आएं कि दिल्ली सरकार के सेना से मदद के आग्रह वाले पत्र पर क्या फैसला किया गया है. तब शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में सेना बुलाने पर खुद रक्षा मंत्री कर रहे विचार- हाईकोर्ट में बोली केंद्र सरकार



हाई कोर्ट को भी इस मामले पर सुनवाई का अधिकार
शर्मा ने कहा कि जिन मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित नहीं किया है उन मामलों में हाई कोर्ट को आदेश पारित करना चाहिए. तब जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की ऑक्सीजन की अनुमानित मांग 700 मीट्रिक टन है तो हम उसकी समीक्षा नहीं करने जा रहे हैं. लेकिन हम सबको उसका पालन करना चाहिए. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कीजिए, असल सवाल यही है. जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते कि हमें सवाल पूछने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि हम ये समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के हर आदेश का पालन कराना हमारा कर्तव्य है. इस पर वरिष्ठ वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हाई कोर्ट को भी इस मामले पर सुनवाई का अधिकार है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो ये कहकर ऑक्सीजन की सप्लाई से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आदेश जारी कर दिया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पारित करने से कुछ नहीं होगा. हम सभी को उसे लागू करना होगा.


SC के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है हाई कोर्ट
दरअसल सुनवाई के दौरान चेतन शर्मा ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है. इसलिए इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में ही सुनवाई होनी चाहिए. ताकि आदेशों में कोई दोहराव न हो. कोर्ट ने चेतन शर्मा से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन पर राज्य सरकारों के सहयोग पर विचार किया है, लेकिन अस्पतालों में बेडों की उपलब्धता पर कुछ नहीं कहा है. कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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सुप्रीम कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि कोर्ट केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की सप्लाई संबंधी आदेशों का पालन करने का निर्देश दे. तब चेतन शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करवाने के लिए नहीं कहा जा सकता है. तब कोर्ट ने चेतन शर्मा से कहा कि पहले आप केंद्र सरकार से ये निर्देश लेकर आएं कि दिल्ली सरकार के सेना से मदद के आग्रह वाले पत्र पर क्या फैसला किया गया है. तब शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया है.

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हाई कोर्ट को भी इस मामले पर सुनवाई का अधिकार
शर्मा ने कहा कि जिन मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित नहीं किया है उन मामलों में हाई कोर्ट को आदेश पारित करना चाहिए. तब जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की ऑक्सीजन की अनुमानित मांग 700 मीट्रिक टन है तो हम उसकी समीक्षा नहीं करने जा रहे हैं. लेकिन हम सबको उसका पालन करना चाहिए. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कीजिए, असल सवाल यही है. जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते कि हमें सवाल पूछने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि हम ये समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के हर आदेश का पालन कराना हमारा कर्तव्य है. इस पर वरिष्ठ वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हाई कोर्ट को भी इस मामले पर सुनवाई का अधिकार है.

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