नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार के मंत्री और मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में जेल में बंद सत्येंद्र जैन को विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा (Chief Justice Satish Chandra Sharma) की अध्यक्षता वाली बेंच ने दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.
याचिका आशीष कुमार श्रीवास्तव (Ashish Kumar Srivastava) ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील रुद्र विक्रम सिंह (Advocate Rudra Vikram Singh) ने कहा है कि ईडी से पूछताछ के दौरान सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने खुद माना है कि वो कोरोना का शिकार होने के बाद अपनी याददाश्त खो चुके हैं. इसकी जानकारी एएसजी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) को भी दी गई थी. याचिका में कहा गया है कि नियमों के मुताबिक अस्वस्थ मस्तिष्क के चलते सत्येंद्र जैन पद पर बने रहने के अधिकारी नहीं हैं. उनके द्वारा इस दरमियान लिए गए सभी फैसलों को भी रद्द किया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार (Central Government) को सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की दिमागी हालत की पड़ताल के लिए एक मेडिकल बोर्ड (Medical Board) का गठन करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. बता दें कि 6 अगस्त तक सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने स्वास्थ्य आधार पर दायर अंतरिम जमानत याचिका (Interim Bail Plea) राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से वापस ले लिया था.
बता दें कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
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