नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की अध्यक्ष के रूप में निधि छिब्बर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया. याचिका इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई थी. न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि छिब्बर पद के लिए सारे मापदंडों को पूरा करती हैं.
याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग: सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि न्यायालय का मानना है कि याचिकाकर्ता द्वारा याचिका कानून की प्रक्रिया के घोर दुरुपयोग के अलावा और कुछ नहीं है. कोर्ट ने आदेश दिया कि लंबित आवेदन सहित तत्काल याचिका खारिज की जाती है. याचिकाकर्ता ने तर्क देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि छिब्बर को नौकरशाही में फेरबदल के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया था और वह इस पद पर रहने के योग्य नहीं थी.
उनकी अयोग्यता को लेकर दलील दी गई कि उनके पास शिक्षा के क्षेत्र में न्यूनतम तीन साल का अनुभव नहीं है. हालांकि, छिब्बर की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि उनके पास जारी रिक्त पत्र के अनुसार अपेक्षित अनुभव और योग्यताएं हैं. कोर्ट ने मामले पर विचार किया और माना कि चेयरपर्सन को उनके पद से हटाने का कोई मामला नहीं बनता है.
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ये वकील हुए शामिल: इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता रवि प्रकाश गुप्ता उपस्थित हुए. केंद्र की स्थायी वकील मनीषा अग्रवाल नारायण वकील शिवांगी गुंबर के साथ केंद्र सरकार की ओर से पेश हुई. सीबीएसई का प्रतिनिधित्व उसके स्थायी वकील एमए नियाजी के साथ-साथ अधिवक्ता अनामिका घई नियाजी, कीर्ति भारद्वाज, नेहमत सेठी ने अर्कम अली के माध्यम से किया.