नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ 80 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के एक मामले की जांच पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की कोर्ट में ये मामला सुनवाई के लिए आया था, जहां न्यायधीश ने इस मामले के जांच अधिकारी को यह निर्देश देने से भी इनकार कर दिया कि अगर वह दोनों की हिरासत चाहते हैं तो उन्हें अग्रिम नोटिस दिया जाए.
न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली ग्रोवर और उनकी पत्नी की याचिका पर नोटिस जारी किया और जांच एजेंसी के साथ-साथ शिकायतकर्ता भारत पे को अपना पक्ष बताने को भी कहा है.
बता दें कि 80 करोड़ को हेराफेरी के इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा पिछले महीने अशनीर ग्रोवर उनकी पत्नी माधुरी ग्रोवर व परिवार के कई अन्य सदस्यों पर केस दर्ज किया गया था. संबंधित एफआईआर में शिकायतकर्ता द्वारा आईपीसी की धारा 406, 467, 460, 420 धोखाधड़ी की कई धाराओं में केस दर्ज करवाया गया है. धोखाधड़ी की इन सभी धाराओं पर आरोप सिद्ध हो जाने पर आरोपियों को 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा किसी भी प्रकार की जांच पर रोक न लगाने के फैसले से आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
कौन हैं अशनीर ग्रोवर?
अशनीर ग्रोवर 'भारत पे' के को-फाउंडर हैं. 14 जून 1982 को अशनीर का जन्म राजधानी दिल्ली में हुआ था. साल 2018 में अशनीर ने भारत में छोटे-छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए पेमेंट इंटरफेस 'BharatPe' लॉन्च किया था. अशनीर इसके को-फाउंडर हैं. अशनीर उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्हें टीवी शो शॉर्क टैंक इंडिया में देखा गया था. इस शो में अशनीर ने अपने रौबदार अंदाज और सीधे-सपाट शब्दों में स्टार्ट अप शुरू करने वाले कंटेस्टेंट की 'बेइज्जती' कर सुर्खियां बटोरी थी. अशनीर अब पूरे हिंदुस्तान में अपनी टैग लाइन 'ये क्या दोगलापन है' से मशहूर हैं.
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