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निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जारी - दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जा
निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जा
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Published : Sep 22, 2021, 8:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने ये नोटिस जारी किया है.



यह याचिका एक महिला ने दायर की है. महिला के वकील राजेश कुमार ने कहा कि निजी डिटेक्टिव्स के कामों को रेगुलेट करने के लिए कानून नहीं होने की वजह से कुछ लोग दूसरों के निजी मामले में ताकझांक करते हैं या ऐसा करने के लिए निजी डिटेक्टिव्स को हायर करते हैं. 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया, लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया.

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निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं और चोरी छिपे उनकी तस्वीरें और फोटो लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं. कानून नहीं होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में महिला ने कहा है कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया.

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी द्वारा रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब

उनकी सूचनाओं को एक विदेशी नागरिक ने अमेरिका की कोर्ट में इस्तेमाल किया. इसके बाद अमेरिका की कोर्ट ने दस्तावेजों की तस्दीक करने के लिए याचिकाकर्ता को बुलाया. याचिकाकर्ता महिला के पूर्व पति के खिलाफ दूसरी महिला ने अमेरिका की कोर्ट में केस दर्ज कराया है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी डिटेक्टिव्स के काम को रेगुलेट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने ये नोटिस जारी किया है.



यह याचिका एक महिला ने दायर की है. महिला के वकील राजेश कुमार ने कहा कि निजी डिटेक्टिव्स के कामों को रेगुलेट करने के लिए कानून नहीं होने की वजह से कुछ लोग दूसरों के निजी मामले में ताकझांक करते हैं या ऐसा करने के लिए निजी डिटेक्टिव्स को हायर करते हैं. 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया, लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया.

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निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं और चोरी छिपे उनकी तस्वीरें और फोटो लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं. कानून नहीं होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में महिला ने कहा है कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया.

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उनकी सूचनाओं को एक विदेशी नागरिक ने अमेरिका की कोर्ट में इस्तेमाल किया. इसके बाद अमेरिका की कोर्ट ने दस्तावेजों की तस्दीक करने के लिए याचिकाकर्ता को बुलाया. याचिकाकर्ता महिला के पूर्व पति के खिलाफ दूसरी महिला ने अमेरिका की कोर्ट में केस दर्ज कराया है.

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