नई दिल्ली: याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) और सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि तीनों डाटा कलेक्शन सिस्टम लोगों की निजता का उल्लंघन कर रही है. याचिका में मांग की गई है कि सीएमएस, नेत्रा और नैटग्रिड चौबीसों घंटे लोगों के बारे में डाटा जुटाती रहती है, इस पर रोक लगाया जाना चाहिए.
आम लोगों पर नजर रखने का काम करते हैं ये सिस्टम्स
याचिका में कहा गया है कि कानून के मुताबिक मॉनिटरिंग करने के लिए न्यायिक या संसदीय निकाय गठित करने की जरुरत है. ये निकाय टेलीग्राफ एक्ट और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत मॉनिटरिंग या वारंट के आदेशों की समीक्षा करेगा. याचिका में कहा गया है कि इन तीनों सिस्टम के जरिये संविधान की धारा 21 के अलावा खंड तीन में दी गई स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है.
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इन सिस्टम के जरिये केंद्र और राज्य सरकारों की एजेंसियों को बड़े पैमाने पर फोन या इंटरनेट कम्युनिकेशन पर नजर रखने की छूट मिल जाती है. ऐसा करना लोगों के अधिकारों और निजता का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि इन सिस्टम के जरिये लोगों पर नजर रखना सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले का उल्लंघन है.