नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के दौरान CBI के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत लेने के आरोपी और CBI के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने 29 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है.
बीते 16 सितंबर को हाई कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी किया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 8 सितंबर को अभिषेक तिवारी और अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सुनवाई के दौरान CBI ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए थे.
CBI ने कहा था कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे, जहां उसे रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट दिए गए. दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है. CBI की ओर से दर्ज FIR के मुताबिक, देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और CBI के DSP आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए.
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इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए थे. अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे. तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज Whatsapp के जरिये साझा किए थे. उसके बाद CBI के सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की गई.
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CBI ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली. ये लगातार होता रहा है. तिवारी और डागा को एक सितंबर की रात में गिरफ्तार किया गया. 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ CBI जांच जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार कर दिया था.