नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौरान दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास की जमीन पर तैयार किए गए 10 हजार बेड के सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर के निर्माण संबंधी भुगतान को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की है.
श्री बालाजी एक्जिम्स की भुगतान संबंधित याचिका पर हुई सुनवाई: कोर्ट ने कहा है कि कोविड केयर सेंटर के निर्माण संबंधी खर्च के भुगतान से बचने की दिल्ली सरकार की कोशिश खेदजनक है. जस्टिस गौरांग कंठ की पीठ ने यह टिप्पणी याचिकाकर्ता श्री बालाजी एक्जिम्स की भुगतान संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि. याचिका में कोविड केयर सेंटर के निर्माण में खर्च की गई धनराशि के बिलों का भुगतान करने संबंधी कागजी कार्रवाई को तेज करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उसने कोविड केयर सेंटर में ब्लड बैंकों के लिए एयर कंडीशनर, छत, बिजली और बुनियादी ढांचे का काम किया था. फिर दिल्ली सरकार ने इसे अपने हाथ में लेते हुए पांच जुलाई 2020 को इसका उद्घाटन किया था.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई: याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि सरकार ने फरवरी 2022 में दिल्ली सरकार ने एक हलफनामा दायर करके कहा था कि प्रशासनिक स्वीकृति और व्यव स्वीकृति के अभाव में निर्माण कार्य से संबंधित कोई कार्य आदेश जारी नहीं किया गया था, इसलिए सरकार उनके द्वारा दिए गए बिलों का भुगतान करने में सक्षम नहीं है. सरकार ने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता को दी गई निविदा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के नियमों के साथ-साथ व्यय विभाग के नियमों का भी उल्लंघन था. सरकार के हलफनामा में इस जवाब को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से किए गए वादों के आधार पर याचिकाकर्ता ने देश के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर पैसा खर्च किया था. यह कहते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की.
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