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2020 से लापता बच्चे का नहीं मिला सुराग, अब दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया एसआईटी गठित कर जांच का निर्देश

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह कहा है कि कई शिकायतें दिल्ली के उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के पास भी भेजी गई थीं लेकिन इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. Delhi HC directs police to form SIT, boy missing since 2020

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 15, 2023, 12:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को 2020 में लापता हुए एक लड़के को खोजने के लिए दो सप्ताह के भीतर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश लड़के के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में आया, जिसमें लापता लड़के को पेश करने की मांग की गई थी, जो उस समय 17 साल का था.

याचिकाकर्ता ने कहा कि, "उनका बेटा अगस्त, 2020 में अपने चचेरे भाई और दोस्तों के साथ रोहिणी में एक नहर पर जाने के बाद लापता हो गया.'' याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त, उपराज्यपाल और प्रधानमंत्री सहित विभिन्न अधिकारियों को कई शिकायतों के बावजूद बच्चा अभी तक नहीं मिला है.

FIR दर्ज होने के बाद किए गए प्रयासों पर विचार करने के बाद अदालत ने कार्यवाही बंद कर दी और एक एसआईटी के गठन का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और शलिंदर कौर की खंडपीठ ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को तुरंत एसआईटी गठित करने का आदेश दिया, जिसे दो सप्ताह के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता दी गई.

खंडपीठ ने कहा कि किसी भी देरी के मामले में पुलिस को ट्रायल कोर्ट को त्रैमासिक स्‍टेटस रिपोर्ट देना अनिवार्य है. यदि कोई सुराग मिलता है, तो तुरंत याचिकाकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए. अदालत ने पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न संगठनों और कार्यालयों को पत्र भेजे जाने के बावजूद ताजा स्‍टेटस रिपोर्ट के अनुसार लापता लड़के के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला.

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को 2020 में लापता हुए एक लड़के को खोजने के लिए दो सप्ताह के भीतर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश लड़के के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में आया, जिसमें लापता लड़के को पेश करने की मांग की गई थी, जो उस समय 17 साल का था.

याचिकाकर्ता ने कहा कि, "उनका बेटा अगस्त, 2020 में अपने चचेरे भाई और दोस्तों के साथ रोहिणी में एक नहर पर जाने के बाद लापता हो गया.'' याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त, उपराज्यपाल और प्रधानमंत्री सहित विभिन्न अधिकारियों को कई शिकायतों के बावजूद बच्चा अभी तक नहीं मिला है.

FIR दर्ज होने के बाद किए गए प्रयासों पर विचार करने के बाद अदालत ने कार्यवाही बंद कर दी और एक एसआईटी के गठन का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और शलिंदर कौर की खंडपीठ ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को तुरंत एसआईटी गठित करने का आदेश दिया, जिसे दो सप्ताह के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता दी गई.

खंडपीठ ने कहा कि किसी भी देरी के मामले में पुलिस को ट्रायल कोर्ट को त्रैमासिक स्‍टेटस रिपोर्ट देना अनिवार्य है. यदि कोई सुराग मिलता है, तो तुरंत याचिकाकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए. अदालत ने पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न संगठनों और कार्यालयों को पत्र भेजे जाने के बावजूद ताजा स्‍टेटस रिपोर्ट के अनुसार लापता लड़के के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला.

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