नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि जंग में तीसरा दुश्मन हो तो दो दुश्मनों को एक हो जाना चाहिए यानि कोरोना से जंग में केंद्र और दिल्ली एकजुट हो जाएं. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई के मामले पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की.
'सप्लाई और वितरण पर IIT की मदद ले सरकार'
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को सलाह दी कि ऑक्सीजन की सप्लाई और उसके वितरण पर ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की मदद लेनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति का आकलन दिल्ली सरकार के विशेषज्ञों की योजना के आधार पर होना चाहिए.
ये भी पढ़ें- 4 मई को दिल्ली को 555 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की हुई सप्लाई: राघव चड्ढा
'प्लांट कभी तो शुरु करना होगा'
सुनवाई के दौरान वकील आदित्य एन प्रसाद ने कहा कि हमने पीएसए प्लांट के चक्कर में हमने दो-तीन हफ्ते बर्बाद कर दिए. अगर ये प्लांट बन गए होते तो केंद्र पर निर्भरता खत्म हो जाती. वकील असीम चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे पास स्टोरेज की जगह होने के बावजूद प्लांट के निर्माण कार्य और इसे इंस्टाल करने में भी समय लगता है. तब कोर्ट ने कहा कि आपको कभी तो शुरू करना ही होगा.
'मुख्यमंत्री खुद आईआईटी पासआउट हैं'
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसमें हमें सरकार से कहना चाहिए कि वे आईआईटी की मदद लें. तब प्रसाद ने कहा कि सरकार अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर रही है. तब कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार. तब प्रसाद ने कहा कि दिल्ली सरकार. उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली सरकार के कुछ अफसरों को जानता हूं जो आईआईटी पास आउट हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद आईआईटी पासआउट हैं. तब प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री दूसरों की बजाय ज्यादा परेशानी में हैं.